-पार्टी की कार्यसमिति ने कहा- पार्टी को आपकी जरूरत
समाचार सच, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में देश भर में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन पार्टी की कार्यसमिति ने उनकी पेशकश को खारिज कर दिया है। बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अन्य नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राहुल की पेशकश को सर्वसम्मति से नामंजूर कर दिया गया। कार्यसमिति ने राहुल गांधी को यह कहते हुए पार्टी के संरचनात्मक ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए अधिकृत किया है कि पार्टी को प्रतिकूल परिस्थितियों में आपके नेतृत्व की जरूरत है। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस 2019 के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है और वह एक जिम्मेदार और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
‘जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है कांग्रेस’
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि
बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। पारित प्रस्ताव में कहा गया है,
‘कार्यसमिति 2019 के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है। कांग्रेस
कार्यसमिति 12.13 करोड़ साहसी व सजग मतदाताओं को धन्यवाद देती है,
जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपना विश्वास व्यक्त किया। कांग्रेस पार्टी
एक जिम्मेदार व सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और
देशवासियों की समस्याओं को सामने रख उनके प्रति सरकार की जवाबदेही
सुनिश्चित करेगी।’
‘प्रतिकूल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत’
राहुल के इस्तीफे की पेशकश को नामंजूर करते हुए प्रस्ताव में कहा गया
है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति के सम्मुख
अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की, मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने
सर्वसम्मति व एक स्वर से इसे खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को आह्वान
किया कि प्रतिकूल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी को राहुल गांधी के
नेतृत्व व मार्गदर्शन की आवश्यकता है। कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित
जाति/जनजाति/पिछड़ों, गरीबों, शोषितों व वंचितों की समस्याओं के लिए आगे
बढ़कर जूझने का आग्रह किया।’
‘नफरत और विभाजनकारी ताकतों से लोहा लेने के लिए सदैव प्रतिबद्ध’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कांग्रेस कार्यसमिति उन चुनौतियों, विफलताओं
और कमियों को स्वीकार करती है, जिनकी वजह से ऐसा जनादेश आया। कांग्रेस
कार्यसमिति पार्टी के हर स्तर पर संपूर्ण आत्मचिंतन के साथ साथ कांग्रेस
अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल
परिवर्तन एवं विस्तृत पुर्नसंरचना करें। इसके लिए योजना जल्द से जल्द लागू
की जाए। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारा अदम्य साहस, हमारी
संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से
ज्यादा मजबूत है। कांग्रेस पार्टी नफरत और विभाजन की ताकतों से लोहा लेने
के लिए सदैव कटिबद्ध है।’
‘सभी कार्यकर्ताओं का आभार’
प्रस्ताव में आगे कहा गया है, ‘कांग्रेस कार्यसमिति कांग्रेस अध्यक्ष,
पार्टी के पदाधिकारियों व नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और कांग्रेस
प्रत्याशियों के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने चुनावी अभियान की
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष करते हुए दिन-रात जमीनी मेहनत
की। कांग्रेस कार्यसमिति हमारे सभी सहयोग दलों व उनके नेतृत्व को धन्यवाद
देती है, जिन्होंने इस सैद्धांतिक लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का साथ दिया।’
मनमोहन ने राहुल को समझाया, लगी रहती है हार-जीत
कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि चुनावी हार मेरे लिए
जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात है, इसलिए मैं इस्तीफा दूंगा। राहुल गांधी
को प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मनाने की
कोशिश की वह इस्तीफे की पेशकश न करें, इसके जवाब में राहुल ने कहा कि मैं
इस हार के लिए जिम्मेदार हूं।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को समझाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि आप इस्तीफे की बात न करें। उन्होंने कहा कि हार-जीत तो लगी रहती है, लेकिन पार्टी के नेतृत्व के लिए आपके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यही नहीं राहुल गांधी को समझाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी भी हार गए थे, लेकिन एक बार फिर से पार्टी ने वापसी की।
राहुल के ऑफिस की टीम पर सवाल
सूत्रों के मुताबिक कार्यसमिति की मीटिंग में राहुल गांधी की टीम को
लेकर भी सवाल उठाए गए। सीनियर नेताओं ने कहा कि यदि आप नए लोगों को रखना
चाहते हैं तो रखें, लेकिन अपनी टीम में सियासी लोगों को रखिए। कहा गया कि
राहुल गांधी के दफ्तर के लोग फैसले लेते हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक समझ
नहीं है।
तमाम दिग्गज नेता थे मौजूद, कमलनाथ रहे गायब
कार्यसमिति की मीटिंग में सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह,
महासचिव गुलाम नबी आजाद, कैप्टन अमरिंदर सिंह, एम सिद्धारमैया, अशोक गहलोत,
शीला दीक्षित समेत तमाम नेता मौजूद थे। हालांकि इस मीटिंग में मध्य प्रदेश
के मुख्यमंत्री कमलनाथ मौजूद नहीं रहे। उनके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक
गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूद रहे। पुदुचेरी के सीएम
नारायणसामी भी मौजूद थे।
नतीजों वाले दिन भी राहुल ने ली थी जिम्मेदारी
बता दें कि नतीजों वाले दिन भी राहुल गांधी ने देश भर में पार्टी के
खराब प्रदर्शन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि इसकी शत-प्रतिशत
जिम्मेदारी मेरी है। इस बीच, मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम राहुल के
बचाव में सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल को इस्तीफा नहीं देना
चाहिए।
नेताओं की राय, मोदी पर ज्यादा हमले से हुआ नुकसान
पार्टी में भले ही अभी खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन अंदरखाने यह राय चल रही है कि मोदी के खिलाफ ज्यादा हमले करने का नुकसान हुआ। खासतौर पर ‘चौकीदार चोर है’ जैसे नकारात्मक प्रचार ने पार्टी को चोट पहुंचाई। (साभारः नवभारत टाईम्स)


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