संविधान बचाने को संविधान बचाओ मंच का गठन

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-संविधान बचाओ संगोष्ठी में सर्वसम्मति से लिया गया मंच के गठन का फैसला
-18 से चलेगा मंच के बैनर तले यहां बुद्ध पार्क में सीएए के विरुद्ध धरना

समाचार सच, हल्द्वानी। संविधान पर मोदी सरकार के बढ़ते हमलों और प्रहार को देखते हुए इन्द्रानगर के इरशाद मैरिज हाल में संविधान बचाओ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में व्यापक विचार विमर्श के बाद मोदी सरकार द्वारा संविधान पर लगातार जारी हमलों के खिलाफ संविधान बचाओ आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया और इसके लिए सर्वसम्मति से संविधान बचाओ मंच का गठन किया गया। यह भी तय किया गया कि संविधान बचाओ मंच के बैनर तले 18 जनवरी को बुद्धपार्क में सीएए-एनआरसी-एनपीआर पैकेज के विरुद्ध धरना आयोजित किया जायेगा।

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संविधान बचाओ संगोष्ठी में बोलते हुए भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि हमारे संविधान में इस बात की गारंटी की गई है कि भारत के लोग वोट देकर अपनी सरकार चुनें और उसे अपने हिसाब से चलायें। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता स्वीकार नहीं की जा सकती है। यह बात संविधान विरोधी मोदी सरकार राष्ट्रव्यापी विरोध के बावजूद समझने को तैयार नहीं है। परिणाम स्वरूप वह झूठ व दमन के सहारे अपनी बात मनवाने पर उतारू है।

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अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष आर टम्टा ने कहा कि मोदी सरकार आज संविधान की मूल प्रस्थापना धर्मनिरपेक्षता से खिलवाड़ कर रही है, उसी की शपथ ले वह सत्ता में विराजमान है। यह सरकार बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान को ही तिरोहित करने का काम कर रही है।

जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती शाहिद अजहरी ने कहा कि आज़ादी के आंदोलन से निकले भारतीय संविधान संघ-भाजपा की फासीवादी राजनीति को देश में अमलीजामा पहनाने के मंसूबों में सबसे बड़ी बाधा है इसलिए मोदी सरकार संविधान को ही किनारे करना चाहती है।

बड़ी मस्जिद के इमाम सैयद इरफान रसूल व मोहम्मदी मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम ने कहा कि जब से यह सरकार आयी है तब से इसके हर निर्णय ने संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है।

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संगोष्ठी की शुरुआत सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का पाठ करके संविधान की शपथ ली गई। इस अवसर पर जे सी बेरी, मुफ्ती शाहिद अजहरी, सैयद इरफान रसूल, मौलाना अकरम,एडवोकेट बसंत कुमार, तस्लीम अंसारी, सरताज आलम, इस्लाम हुसैन आदि ने अपनी बात रखी। इस अवसर पर बहादुर सिंह जंगी ने फैज़ का तराना श्दरबारे वतन में जब इक दिन सब जाने वाले जायेंगे गाया। संगोष्ठी की अध्यक्षता आर टम्टा तथा स्वागत वक्तव्य पार्षद शकील अंसारी और संचालन डॉ कैलाश पाण्डेय ने किया।

संगोष्ठी में कुमाऊँ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य एडवोकेट कैलाश जोशी, भीम फोर्स के नफीस अहमद खान, डॉ संजय शर्मा,शाहिद हुसैन, विमला रौथाण, नाजिम अंसारी, ललित मटियाली, आर एस कुटियाल,एन डी जोशी, रीता इस्लाम, हरीश भंडारी,सुरेश मुरारी, यशोदा वर्मा,द ीपक चन्याल, आर आर आर्य, सरताज जहां, मो गुड्डू भाई, तय्यब अंसारी, नाजिम अंसारी, हबीबुर्रहमान, रईस अहमद, बाबू पेंटर, एजाज अहमद, इरशाद खान, चंद्रा देवी, सहाना, फरयाज, इकराम, फईम, सिकंदर, निजाम आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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