सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ मंच द्वारा चलाया जा रहा 72 घंटे का धरना-सत्याग्रह दूसरे दिन भी जारी
समाचार सच, हल्द्वानी। संविधान बचाओं मंच द्वारा गणतंत्र दिवस पर इन्द्रानगर से लेकर बुद्धपार्क तक तिरंगा यात्रा निकाली। इस यात्रा में सैकड़ों लोगों ने भागीदारी कर राष्ट्रीय गान भी किया। इस दौरान देश भक्ति नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। जबकि सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ मंच द्वारा चलाया जा रहा 72 घंटे का धरना-सत्याग्रह रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।


धरना-सत्याग्रह स्थल पर वक्ताओं ने भारतीय संविधान, लोकतंत्र बनने की प्रक्रिया और आज़ादी के आंदोलन पर अपनी बात रखी। गणतंत्र दिवस मानने के बाद वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सीएए व एनआरसी थोपने की ज़िद ने आज हमारे देश और संविधान के सामने अभूतपूर्व संकट खड़ा कर दिया है। इसके खि़लाफ़ आज पूरा देश महिलाओं, छात्रों और आम नागरिकों के विरोध प्रदर्शनों का गवाह बना हुआ लेकिन मोदी सरकार इनको अनसुना कर साम्प्रदायिक विभाजन और नफरत की राजनीति करने में लगी हुई है। दिल्ली के शाहीन बाग की महिलाओं से प्रेरणा ले कर आज दिल्ली और पूरे देश में आंदोलन के नए नए केंद्र विकसित हो रहें हैं। दूसरी तरफ जामिया, जेएनयू और डीयू के छात्र मोदी सरकार के दमन का बहादुरी से सामना करते हुए लगातार अपने आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं।
तिरंगा यात्रा एवं धरना-सत्याग्रह में मुख्य रूप से इमाम सैय्यद इरफान रसूल, राजा बहुगुणा, इमाम कमर अशरफ, मोहम्मद मुकर्रम, मौलाना यूसुफ, प्रभात ध्यानी, मुनीश कुमार, अजीत साहनी, जिंदल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ रुक्मिणी पाण्डे, पी पी आर्य, बहादुर सिंह जंगी, हाजी मतीन सिद्दकी, जी आर टम्टा, डॉ मिराज अजहरी, ऐक्टू ट्रेड यूनियन नेता के के बोरा, डॉ उमेश चंदोला, शकील अंसारी, तौफीक अहमद, श्रीमती सुधा आनंद, सरताज आलम, नफीस अहमद खान, शिफा नूर अंसारी, फिजा अंसारी, तनईम फात्मा, गोविंद राम गौतम, मुकेश बौद्ध, आनंद प्रकाश, इकराम अंसारी, शराफत खान आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। संचालन डॉ कैलाश पाण्डेय ने किया।









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