हल्द्वानी महानगर में प्रेसवार्ता कराने के ठेकेदार तथाकथित पत्रकारों से रहें सावधान

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समाचार सच, हल्द्वानी। मीडिया की भूमिका किसी भी समाज में बेहद महत्वपूर्ण होती है। सही सूचनाओं का प्रसारण और निष्पक्षता बनाए रखना पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य है। लेकिन हाल के दिनों में हल्द्वानी जैसे शहरों में प्रेसवार्ता आयोजन से जुड़ी एक चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है।

हल्द्वानी में कुछ तथाकथित पत्रकारों ने अपनी एक गुट बना ली है। ये गुट प्रेसवार्ता कराने के आयोजकों से संपर्क करके अपनी बनाई हुई पत्रकारों की सूची उन्हें सौंपती है। इस सूची में सिर्फ उन्हीं पत्रकारों के नाम होते हैं, जो इस गुट का हिस्सा हैं। इसका परिणाम यह होता है कि जो वरिष्ठ और असली पत्रकार इस गुट में शामिल नहीं होते, उन्हें प्रेसवार्ता की जानकारी ही नहीं मिलती। इससे न केवल सही पत्रकारिता प्रभावित हो रही है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जा रहा है।

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विगत दिवस हल्द्वानी में एक ज्वैलर्स शोरूम में लक्की ड्रा समारोह आयोजन किया। इस आयोजन के लिए शोरूम के प्रबंधकों ने किसी तथाकथित पत्रकार से पत्रकारों की सूची मांगी। उस पत्रकार ने अपनी गैंग के 10-12 पत्रकारों की सूची आयोजकों को दे दी। इस प्रक्रिया में अन्य वरिष्ठ और असली पत्रकार आयोजन की सूचना से वंचित रह गए। यह घटना इस समस्या को उजागर करती है कि कैसे एक छोटे समूह की मोनोपॉली पूरे प्रेसवार्ता तंत्र को प्रभावित कर रही है।

यदि आप किसी राजनीतिक, गैर-राजनीतिक, सामाजिक संगठन या व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए प्रेसवार्ता आयोजित करना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप हल्द्वानी के सभी पत्रकारों की जानकारी रखें। किसी भी एक व्यक्ति या समूह पर निर्भर न रहें। स्थानीय मीडिया संगठनों से संपर्क करें और अधिकृत पत्रकारों की सूची प्राप्त करें। सुनिश्चित करें कि आपकी प्रेसवार्ता में शहर के सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया जाए, न कि केवल किसी विशेष समूह को।

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वरिष्ठ पत्रकारों को इस मोनोपॉली के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी आयोजक इस मुद्दे के प्रति जागरूक हों और प्रेसवार्ता में सभी पत्रकारों को बराबर का मौका मिले। पत्रकार संगठनों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए और ऐसी घटनाओं की जांच करनी चाहिए।

पत्रकारिता समाज का चौथा स्तंभ है और इसकी गरिमा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हल्द्वानी जैसे शहरों में इस प्रकार की मोनोपॉली न केवल पत्रकारिता को कमजोर करती है, बल्कि सूचना के अधिकार का भी हनन करती है। आयोजकों और पत्रकारों को इस समस्या का समाधान मिलकर निकालना होगा, ताकि पत्रकारिता की निष्पक्षता और साख बनी रहे।

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