समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। वैसे सभी जानते हैं कि तांबे यानी कॉपर काफी शुद्ध धातु है। आयुर्वेद में इसके पानी का प्रयोग पेट की कई बीमारियों के लिए किया जाता है। वहीं आपको बता दें कि ज्योतिष में भी तांबे को काफी पवित्र माना गया है। इसलिए देवी-देवताओं की पूजा में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाने का भी विधान है तो वहीं हर तरह के सनातनी धार्मिक कर्मकांड में इनके बर्तनों के इस्तेमाल की प्रथा है।
- वहीं तांबे के पात्र से हर दिन सूर्य को भी जल देने से कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति शुभ हो जाता है और उसके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। तांबे के लोटे से सूर्य को जल देने से जीवन में सुख-शांत और समृद्धि के साथ ही मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
- बता दें कि तांबे के लोटे में जल भरकर अगर सोने के समय अपने सिराहने में रख लें और सुबह जल्दी उठकर उस पानी को किसी पेड़-पौधे में डालें तो इससे आपके जीवन में खुशहाली आएगी और नकारात्मकता आपसे दूर जाएगी।
- अगर आपके किसी काम में रूकावट आ रही है तो ऐसे में आप तांबे का पात्र में जल भरकर उसमें सिंदूर डालकर रात को सोते समय सिराहने में रखें और सुबह इस जल को तुलसी की क्यारी में डालें इससे आपकी रूकावटें दूर होगी।
- अगर गृह क्लेश की स्थिति हो तो तांबे के पात्र में जल के साथ चावल और सिंदूर डालकर सूर्यदेव को अर्पण कर दें इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी और घर धन-धान्य से भरा रहेगा।
- वहीं तांबे के पात्र में जल डालकर पीपल की जड़ में अर्पित करें तो इससे कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति मजबूत होती है। जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
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