
समाचार सच, हल्द्वानी। पुनर्नवा महिला समिति द्वारा आयोजित महिलाओं की रामलीला का सातवां दिन भक्तिभाव और भावनाओं से ओतप्रोत रहा। हीरानगर स्थित पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच पर आयोजित इस आयोजन में शबरी मिलन, हनुमान मिलन, राम-सुग्रीव मैत्री और बाली वध जैसे प्रसंगों का प्रभावशाली मंचन किया गया। महिला कलाकारों द्वारा निभाए गए पात्रों और उनके संवादों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।


कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसे भाजपा कार्यालय सचिव कौस्तुबानंद जोशी, शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष रूपेंद्र नागर, भाजपा नेता हरिमोहन अरोड़ा और वरिष्ठ व्यापारी गोपाल पाल ने संयुक्त रूप से किया।
लीला की शुरुआत भक्त शबरी की प्रतीक्षा से हुई, जो मार्ग बुहारती हुई प्रभु श्रीराम के स्वागत की तैयारी कर रही थीं। जब प्रभु श्रीराम उनके आश्रम पहुंचे तो भावुक शबरी उनके चरणों से लिपट गईं। उन्होंने श्रीराम को बेर अर्पित किए, जिसे प्रभु ने प्रेमपूर्वक स्वीकार किया। इस प्रसंग में नवधा भक्ति का वर्णन अत्यंत सरस रूप में प्रस्तुत किया गया।

इसके बाद राम-हनुमान मिलन और सुग्रीव मित्रता का मार्मिक दृश्य मंचित हुआ, जहां हनुमान ब्राह्मण रूप में राम-लक्ष्मण से मिलते हैं और परिचय होते ही प्रभु श्रीराम के चरणों में गिर पड़ते हैं। राम उन्हें उठाकर गले लगाते हैं, और यहीं से सुग्रीव के साथ मैत्री का सूत्रपात होता है।
लीला का चरम बिंदु बाली वध रहा, जिसमें राम ने न्याय के पक्ष में खड़े होकर बाली का वध किया और सुग्रीव को राजगद्दी सौंपते हुए अंगद को युवराज घोषित किया। इन दृश्यों की प्रस्तुति ने दर्शकों को रामकथा के मूल्यों और आदर्शों से जोड़ दिया।
लीला में राम की भूमिका में मानसी रावत, लक्ष्मण- लक्षिता जोशी, हनुमान- भगवती बिष्ट, बाली- किरण धर्मसत्तू, तारा-ज्योति, संपाति- स्नेहा कश्यप, सुग्रीव-प्रिया कश्मीरा, जामवंत-नीतू रौतेला, बाल अंगद -निर्विका नेगी, नल-नील-जानकी सामंत और सरिता जडौ़त शबरी- लीला कोठारी, बन्दर सेना – गरिमा, खुशी, मनस्वी, श्रेया, वैभवी व जोकर -रितु कांडपाल रहीं।




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