समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन स्मार्ट मीटर का मुद्दा गरमा गया। विपक्ष ने स्मार्ट मीटर लगाने पर सवाल उठाए, तो सरकार ने इसका बचाव किया।
विपक्ष का हमला
विधानसभा में नियम 58 के तहत हुई चर्चा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने स्मार्ट मीटर को लेकर आंदोलन और जनता की परेशानियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 1500 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद स्मार्ट मीटर में कई खामियां हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों को यह योजना अपनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया और कहा कि कंपनियां आम उपभोक्ताओं पर दबाव बना सकती हैं।
कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने भी सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि पहले से लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर ठीक काम कर रहे हैं, फिर भी सरकार अनावश्यक खर्च कर रही है। उन्होंने गढ़वाल में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि इस कंपनी के दो अधिकारी जेल में हैं।
सरकार की सफाई
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देशभर में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और हिमाचल प्रदेश में भी 5 लाख मीटर पहले ही लग चुके हैं। उत्तराखंड में 15.87 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो केंद्र पोषित योजना के तहत हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उनके फोन पर बिजली खपत की जानकारी देगा और इससे बिजली चोरी रोकने में मदद मिलेगी। अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पोस्टपेड मोड में ही लगाया जा रहा है और इसके लिए ई-निविदा के माध्यम से दो कंपनियों का चयन किया गया है।
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