समाचार सच. स्वास्थ्य डेस्क। उपवास रखना अच्छी बात है। लालबहादुर शास्त्री जी ने जब वे प्रधानमंत्री थे, भारत की जनता से सप्ताह में एक दिन का उपवास रखने की अपील की थे। उसका यह प्रभाव पड़ा कि उस समय अस्थाई रूप से होने वाली खाद्य समस्या की कमी पर तुरन्त नियंत्रण पा लिया गया था।
दरअसल उपवास रखना हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति को व्यक्त करता है। उपवास के समय हमें अपनी इच्छाओं एवं शारीरिक जरूरतों पर नियंत्रण रखने का अभ्यास हो जाता है। जिससे कभी विषय परिस्थितियों में फंस जाने पर भी हमारे मनोबल शीघ्र नहीं टूटता। हमारे शरीर में धीरे-धीरे करके विषैले तत्व जमा जमा होते रहते हैं। इन्हें निकालने के लिए यदि सप्ताह में एक दिन उपवास रखकर पानी खूब पिया जाए तो शरीर में जमा विषैलेतत्व मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर में हल्कापन आता है, आंतों को बल मिलता है और हम खुद को चुस्त-दुरूस्त महसूस करते हैं।
इतना सब कुछ होते हुए भी उपवास तभी रखना चाहिए जब यह आवश्यक हो।उपवास के दौरान हमें आराम भी करना चाहिए, क्योंकि भाग-दौड़ से ऊर्जा नष्ट होती है, जोकि हमको भोजन से ही प्राप्त होती है। परन्तु आजकल के व्यस्त जीवन में किसको इतनी फुरसत है कि आराम से घर में बैठ सके। इसीलिए उपवास के दौरान अक्सर लोग सिरदर्द, चक्कर आना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, तनाव व थकान आदिक ी शिकायत करते हैं। ऐसे में उपवास का मूल उद्देश्य ही नष्ट हो जाता है और लाभ की जगह हानि ही होती है। अतः उपवास का निर्णय लेने से पहले कुछ बिन्दुओं पर भली – भांति विचार कर लेना चाहिए।
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, पेप्टिक अल्सर, खून की कमी, चक्कर आना या अधिक कमजोरी की हालात में कभी भी उपवास न रखें। ऐसी हालात में उपवास रखना अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना ही है।
- महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कभी भी उपवास न रखें। अन्यथा उन्हें व उनके गर्भस्थ शिशु को हानि पहुंच सकती है।
- लम्बे उपवास की अपेक्षा सप्ताह में केवल एक दिन उपवास रखना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक है। इससे आपका कार्य भी प्रभावित नहीं हेाता है। लम्बे उपवास प्राकृतिक चिकित्सक के निरीक्षण में ही करें।
- पूर्ण उपवास कभी न रखें, बल्कि उपवास के दौरान ग्लूकोज मिलाकर नींबू पानी, फलों व सब्जियों को रस या सूप लें। जिससे उपवास का उद्देश्य भी पूरा हो जाए और थकावट आदि भी महसूस न हो।
- यदि आप अनशन या धार्मिक आदि कारणों से लम्बा उपवास रखने जा रहे हैं तो उपवास रखने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह-मशवरा करें। वह आपका वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, रक्तशर्करा व हृदय की जांच करने के बाद बतलाएगा कि आप लम्बा उपवास रख सकते हैं अथवा नहीं। आपको हर हालत में चिकित्सक की राय माननी चाहिए।
- लम्बे उपवास के बाद यकायक रेशे अथवा चिकनाई युक्त खाद्य न लें। लम्बे उपवास के बाद कुछ दिनों तक उबली सब्जियां, रसीले मौसमी फल, फलों का जूस या सूप लें ताकि आपका पाचन तंत्र दुरूस्त रहे।
- वजन कम करने के लिए रोज-रोज उपवास रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। फिर इससे वजन भी कम नहीं होता है। उपवास के शुरूआती दौर में तो वजन कम होता है। इसका मुख्य कारण शरीर से अधिक मात्रा में जल का निकल जाना है, न कि वसा का कम होना। वजन कम करने के लिए हमें संतुलित खानपान पर बल देना चाहिए। (साभार: आरोग्यधाम)

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