मानसून सीजन शुरू होने से डेंगू भी दस्तक देने को तैयार

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समस्त जनपदों में डेंगू जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश

समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना महामारी के साथ स्वास्थ्य विभाग के सामने डेंगू से लड़ने की चुनौती है। प्रदेश के सभी जिलों में अभी तक डेंगू जांच की सुविधा नहीं है। सरकार की ओर से विभाग को सभी 13 जनपदों में एक-एक डेंगू जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में रोजाना कोरोना संक्रमित मामलों के साथ ही मानसून सीजन शुरू होने से डेंगू भी दस्तक देने को तैयार है। कोरोना के साथ विभाग के सामने डेंगू से लड़ने की बड़ी चुनौती है। हालांकि शासन स्तर पर शहरी विकास विभाग, पंचायत और सभी जिलाधिकारियों को डेंगू की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। गत वर्षों में देहरादून समेत हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में डेंगू का प्रकोप ज्यादा रहा था। डेंगू से आठ लोगों की मौत हुई थी। शहरी विकास विभाग को सभी शहरी निकाय क्षेत्रों में फॉगिंग के साथ नालों की मरम्मत और जलभराव वाले स्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अमिता उप्रेती का कहना है कि डेंगू की रोकथाम के लिए तैयारी पूरी है। विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में मच्छरदानी के साथ दवाईयां उपलब्ध हैं। प्रत्येक जिला स्तर पर आईसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। प्रत्येक जिले में डेंगू जांच के लिए मशीनों और एलाइजा किट का टेंडर कर दिया गया है। प्रदेश में डेंगू मरीजों की शुरुआती पहचान के लिए फीवर सर्वे कराया जाएगा। डेंगू के संदिग्ध लक्षण पाए जाने पर मरीज की सैंपल जांच की जाएगी। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज के घर के आसपास 50 घरों के दायरे में फोकल स्प्रे किया जाएगा। वहीं, डेंगू से निपटने को आईसोलेशन वार्ड में नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने डेंगू रोग की रोकथाम के लिए सभी जिलाधिकारियों, सभी विभागों और नगर आयुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया कि जिलाधिकारी डेंगू रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करेंगे। कोविड केयर सेंटर और संस्थागत क्वारंटीन सेँटरों के साथ अस्पतालों के आसपास जलभराव न हो। इस समस्या के लिए पीआरडी और स्वयं सेवकों को तैनात किया जाए। सचिव ने कहा कि जून से नवंबर तक डेंगू संक्रमण काल रहता है। इसे देखते हुए डेंगू नियंत्रण के लिए ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाया जाए। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार जिला, बेस चिकित्सालय, मेडिकल कालेजों में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए अलग आईसोलेशन वार्ड बनाए जाएं। यहां मच्छरदानी युक्त बेड की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू नियंत्रण और जागरूकता के लिए राज्य स्तर पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जहां पर डेंगूू संक्रमण की सूचना और जानकारी हासिल की जा सकती है।

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