अक्सर बारिश के मौसम में मच्छरों के पनपने से डेंगू बुखार फैलता है, कैसे बचाये अपने को डेंगू बुखार से

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Dengue fever often spreads due to the breeding of mosquitoes during the rainy season, how to protect yourself from dengue fever

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। डेंगू बुखार, मच्छर के कारण पैदा होने वाली बिमारी है, जिसका कारण चार डेंगू वायरस होते है। इसके कारण पीला बुखार और वेस्ट नाइल इंफेक्शन हो सकते है। आमतौर पर दुनियाभर में यह बुखार ट्रॉपिकल क्षेत्रों में देखा जाता है। इन क्षेत्रों में डेंगू अधिक प्रचलित है। डेंगू बुखार (हड्डी तोड़ बुखार) के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ितों को इतना अधिक दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हो।

कैसे पहचाने डेंगू को? क्या हैं बचाव के उपाएं
डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है, इस बात से हर कोई वाकिफ है। इस मच्छर के काटने के 5 से 6 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं. डेंगू के सबसे खतरनाक लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है. इसी वजह से डेंगू बुखार को (हड्डी तोड़ बुखार) के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ितों को इतना अधिक दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हो। डेंगू खासतौर पर बारिश के मौसम में होता है। क्योंकि इसी दौरान एडिज मच्छरों। मच्छरों को पनपने के लिए भरपूर पानी मिलता है।

डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू बुखार एडीस मच्छर के काटने के कारण होता है जो एक डेंगू वायरस से संक्रमित होता है। जब कोई संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो इसका इंफेक्शन उस व्यक्ति के शरीर में फैल जाता है। जबकि सीधे ब्लड कांटेक्ट से यह नही फैलता है। गलत निदान की स्थिति जैसे मामलों में डेंगू बुखार लक्षणों को वायरल संक्रमण या फ्लू के रूप में देखा जाता है। अगर डेंगू बुखार की पहचान लंबे समय तक नही हो पाती है तो इससे रोगी की जान को खतरा हो जाता है। गंभीर मामलों में यह बुखार डेंगू हेमोरेजिक फीवर हो सकता है जिसमें रोगी को लिवर बढ़ना, मसूड़े और नाक से खून बहना, रक्त वहिकाओं और संचारिकाओं के साथ परिसंचरण तंत्र का फेल होना आदि स्थितियों का कारण बन सकता है। इसे डेंगू शाक सिंड्रोम (डीएसएस) के रूप में भी जाना जाता है। जिन रोगियों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें इस सिंड्रोम के होने का खतरा अधिक रहता है।
आप डेंगू बुखार को कैसे रोक सकते हैं? उन जगहों और परिवेशों से छुटकारा पाएं जहां मच्छर नस्ल पैदा कर सकते हैं। इस तरह के स्थानों में गमले, डिब्बे और पुराने टायर शामिल हैं। पालतू जानवरों और पक्षीयों के लिए रखें जाने वाले बर्तनों में रोज़ पानी बदलें।

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डेंगू के लक्षण त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना
नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, डायरिया।

डेंगू से बचाव के उपाएं-

  • एडिज मच्छर दिन के समय काटता है। इसलिए दिन में भी मच्छरों की क्रीम लगाकर रखें।
  • मच्छरों वाली जगहों पर शरीर को ढक कर रखें
  • घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें।
  • अपने पास कूलर, गमले और टायर आदि पानी ना भरते दें
  • कूलर या पानी वाली जगहों पर किरासन तेल या मच्छर भगाने का पाउडर छिड़कर रखें
  • पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें
  • खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं
  • अपने आस-पास सफाई बनाएं रखें
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डेंगू से लड़ने के लिए कुछ घरेलू उपाय –

  • अदरक की चाय और ग्रीन टी काफी लाभदायक होती है।
  • बर्फ का पैक दर्द में आराम पहुंचाता है।
  • गिलोय बेल का जूस बुखार से लड़ने में मदद करता है।
  • पपीते का जूस या पपीता ब्लड प्लेटलेट बढ़ाता है।
  • तुलसी के पत्तों का पानी या चाय इम्युनिटी बढ़ाती है।
  • नारियल का पानी शरीर को हाइड्रेट करता है।
  • विटामिन सी वाले फल खाएं, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।
  • हल्दी मेटाबालिज्म बढ़ाती है। इसलिए इसे दूध में डालकर पिएं।

डेंगू के मरीज इन बातों का ध्यान रखें

  • डेंगू के मरीज शरीर को ढक कर रखें
  • ध्यान रखें कि आपको कोई मच्छर ना काटे, वरना आपके शरीर का वायरस दूसरों तक पहुंच जाएगा।
  • अगर आपको डेंगू के लक्षण लगें हो तो डाक्टर को जरूर दिखाएं।
  • खुद से कोई दवा ना लें। शुरुआत में आप कम एमजी की पेरासिटामोल ले सकते हैं।
  • डेंगू वायरस से लोगों को बचाने के कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए डाक्टर की बातों को नज़रअंदाज ना करें और खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें
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