समाचार सच, हल्द्वानी। वासंतिक नवरात्र की अष्टमी और नवमी के हवन से लेकर कन्यापूजन की तिथि को लेकर लोगों में काफी असमंजस बना हुआ है। लोग असमंजस में हैं कि किस दिन कन्यापूजन करना शुभ फलदायी होगा। ऐसे में आपकी परेशानी का निदान शास्त्री पुष्कर चन्द्र भट्ट (गोपाल जी) ने कर दिया है। बता दें, यह नवरात्र इस बार 8 दिनों के हैं।
आइए आचार्य गोपाल जी से जानते हैं अष्टमी और नवमी किस दिन है और कन्या पूजन का कौन सा समय सबसे अच्छा रहेगा.
चैत्र नवरात्र अष्टमी शनिवार को 11 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. मां सिद्धिदात्री का पूजन नवमीं शनिवार को 11 बजकर 41 मिनट से किया जा सकेगा। हालांकि उदयातिथि के अनुसार अष्टमी शनिवार को और नवमीं रविवार मानी जाएगी।
उदयातिथि के अनुसार इसकी मान्यता शनिवार को अहोरात्र रहेगी. भक्तगण अष्टमी शनिवार को 11 बजकर 41 मिनट तक पूजन कर सकते हैं। समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन नवमीं को होता है. नवरात्रि व्रत संकल्प इन्हीं की पूजा से पूर्णता प्राप्त होता है।
ज्योतिष गणनानुसार नवमीं तिथि शनिवार को प्रातः 11 बजकर 41 मिनट से आरंभ होगी। यह रविवार को प्रातः 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। साधकगण शनिवार और रविवार को नवमीं पूजा और यज्ञ अनुष्ठान कर सकते हैं. उदयातिथि को मानने अनुसार नवमीं पूजनकाल रविवार को अहोरात्र बना रहेगा।
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