राजस्थान में धामी का भव्य कार्यक्रम- पुष्कर में उत्तराखंड धर्मशाला का दूसरा तल समर्पित, सांस्कृतिक एकता पर बड़ा संदेश

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समाचार सच, राजस्थान/देहरादून। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित अखिल भारतीय उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम के द्वितीय तल का रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी, स्थानीय निवासी और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिससे पूरा परिसर उत्सव जैसी ऊर्जा से भर उठा। राज्य सरकार ने आश्रम के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की है।

पुष्कर सिर्फ तीर्थ नहीं, सनातन संस्कृति की धड़कन हैः धामी
लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थराज पुष्कर की पवित्र धरती को नमन करते हुए कहा कि यह स्थान भारतीय संस्कृति की उस शाश्वत ज्योति का प्रतीक है, जिसने सदियों से आध्यात्मिकता को संबल दिया है। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा की पूर्णता तीर्थराज पुष्कर के पावन सरोवर में स्नान से ही मानी जाती है। धामी ने भावुक होकर कहा कि उनके माता-पिता ने इसी पवित्र स्थल की आध्यात्मिक आभा से प्रेरित होकर उनका नाम पुष्कर रखा था।

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आश्रम बनेगा सांस्कृतिक सेतु
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नया निर्मित तल उत्तराखंड और राजस्थान के बीच आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा। उन्होंने इस संकल्प को साकार करने के लिए आयोजन समिति और प्रवासी उत्तराखंडियों का आभार जताया।

मोदी युग में सनातन संस्कृति का वैश्विक पुनर्जागरण
अपने संबोधन में धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आध्यात्मिक विरासत विश्व पटल पर नई ऊंचाइयों तक पहुंची है। अयोध्या राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन महाकाल लोक, केदारनाथ-बद्रीनाथ धामों का भव्य निर्माण इन सभी ने भारत की सनातन संस्कृति को नई पहचान और नया आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार भी केदारखंड और मानसखंड मंदिर क्षेत्रों को विकसित करने, तीर्थ सर्किट और नए कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम कर रही है।

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धामी ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कठोर कानून, अवैध कब्जों से मुक्ति, समान नागरिक संहिता, मदरसा नियमितीकरण, ऑपरेशन कालनेमि के तहत फर्जी धार्मिक गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई कर कई निर्णायक कदम उठाए हैं।

उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपनी संस्कृति और परंपराओं को पूरी शक्ति से आगे बढ़ाने की अपील की और कहा कि “उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लिए हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा।

समारोह में राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, मंत्री सुरेश सिंह रावत, अजमेर के जिलाधिकारी लोकबंधु, आश्रम अध्यक्ष एस.एस. तड़ागी, राजेंद्र व्यास सहित अनेक प्रवासी उत्तराखंडी और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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