एनसीईआरटी की जगह जबरन बिकवाई महंगी किताबें, अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रहा है ‘शिक्षा का व्यापार’
समाचार सच, हल्द्वानी। अगर आपके बच्चे हल्द्वानी या भीमताल के किसी निजी स्कूल में पढ़ते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी और चौंकाने वाली है। शिक्षा विभाग ने शहर के कई प्रतिष्ठित स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं, जिन पर महंगी किताबें, स्टेशनरी, ड्रेस और बैग बेचने के खेल का आरोप है।


शिक्षा विभाग की जांच टीम ने जब इन स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण किया, तो सामने आया कि ये स्कूल एनसीईआरटी के अतिरिक्त महंगी और गैर-मान्यता प्राप्त किताबें छात्रों से जबरन लगवा रहे हैं। ड्रेस और स्टेशनरी के लिए खास दुकानों से खरीदने का दबाव डाला जा रहा है, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कई गुना बढ़ गया है।
स्कूलों की मनमानी यहीं नहीं रुकी—प्रवेश शुल्क हर साल लिया जा रहा है, जबकि नियम इसकी इजाजत नहीं देते। फीस में मनमानी बढ़ोतरी और पारदर्शिता की कमी भी जांच रिपोर्ट में उजागर हुई है।
नोटिस पाने वाले स्कूलों की सूची:
लक्ष इंटरनेशनल स्कूल, कमलुवागांजा
दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल, हल्द्वानी
पैंथियन स्कूल, कठघरिया
पं. बद्रीदत्त पलड़िया सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, लामाचौड़
इमैनुअल पब्लिक स्कूल, रूपनगर मुखानी
एबीएम स्कूल, फतेहपुर हल्द्वानी
हाइलैंडर पब्लिक स्कूल, हल्द्वानी
सीएम मेमोरियल स्कूल, आवास विकास सुभाषनगर
एचडी फाउंडेशन, हल्द्वानी
आधारशिला पब्लिक स्कूल, फतेहपुर हल्द्वानी
सी ग्रीन वैली पब्लिक स्कूल, हल्द्वानी
जीडीजेएम स्कूल, चोरगलिया
जैम पब्लिक स्कूल, हल्द्वानी
टिक्कू मॉडर्न स्कूल, हल्द्वानी
डीएवी पब्लिक स्कूल, हल्द्वानी
हरमन माइनर स्कूल, भीमताल
क्या होगा आगे?
मुख्य शिक्षा अधिकारी जीआर जायसवाल ने कहा है कि सभी स्कूलों से सात दिन में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मान्यता रद्द की जा सकती है। विभाग की ओर से स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को चेतावनी भी दी गई है।




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