कोरोना को लेकर डा. आचार्य सुशांत राज की भविष्यवाणी, कहा 15 जून तक वायरस स्वयं ही हो जायेगा कम

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समाचार सच, देहरादून। हिंदू धर्म ऋषि मुनियों की तप साधना एवं अपनी संस्कृति के कारण विश्व विख्यात है। हिंदू धर्म में क्या होना है इसका भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। यही कारण है कि हमारे भविष्य वक्ता, ज्योतिषविद् कई घटनाओं की पूर्व में ही भविष्यवाणियां कर देते थे जो आने वाले समय में सही साबित होती है। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में एक ऐसे ज्योतिषविद् हैं जिन्होने वर्ष 2019 में ट्डिडियों, विषणु, प्राकृतिक आपदा, गृह युद्ध जैसी देश विदेश के लिए भविष्यवाणी की थी जो शत प्रतिशत सही साबित हुयी। टिड्डियो के कारण खडी फसलों का क्या हाल हुआ यह भी पूरे देश ने देखा और 2020 में जो वायरस आया उसने अभी तक दुनिया को हिला कर रखा हुआ है। अभी एक दिन पहले ही एक विश्व विख्यात व्यक्ति ने कोरोना वायरस को लेकर बयान जारी किया था जिसमें उन्होने कहा था कि किसी भी ज्योतिषविद् ने कोरोना वायरस को लेकर कोई भविष्यवाणी नही की थी। शायद वह डा. आचार्य सुशांत राज को भूल गए। डा. राज ने अपने पंचाग में वर्ष 2019 में ही वायरस के संबंध में भविष्य वाणी कर दी थी। जो सही साबित हुयी है। इतना ही नही कोरोना वायरस की दुसरी लहर जब पीक पर थी उस समय डा. आचार्य सुशांत राज ने भविष्यवाणी की थी कि 15 जून तक वायरस अपने आप ही कम हो जाएगा। उनकी यह भविष्यवाणी भी सटीक बैठी और वायरस मई के मध्य में ही कम होना शुरू हो गया था। आज 3 जून है और उत्तराखण्ड राज्य की बात करें तो गत दिवस 1003 केस सामने आए जबकि अप्रैल-मई में यह आंकडा कई गुना अधिक था। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि 15 जून तक कोरोना वायरस से संक्रमितो की संख्या कितनी नीचे आ जाएगा। केवल चंद भविष्यवाणियो की बात नही है। डा. आचार्य सुशांत राज ने जब-जब जो-जो भविष्यवाणी कि वह सही साबित हुयी है। सत्ता परिवर्तन से लेकर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की घोषणा भी डा. राज ने आज से आठ साल पहले कर दी थी उस समय देश में कांग्रेस का राज था और डा. मनमोहन सिंह देश की कमान संभाल रहे थे। लोकसभा चुनाव की घोषणा भी नही हुयी थी तभी ग्रह नक्षत्रों एवं नरेंद्र मोदी की कुंडली का आंकलन करते हुए डा. राज ने भविष्यवाणी कर दी थी कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री होंगे और उनकी यह भविष्यवाणी कितनी सफल हुयी यह सभी के सामने है। कुल मिलाकर डा. आचार्य सुशांत राज के मुख से निकला हुआ शब्द पत्थर पर लकीर होता है।

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