
समाचार सच, हल्द्वानी। ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।’ श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के द्वारा रचित यह पंक्तियां कहीं ना कहीं आज की इस कहानी से भी ताल्लुक रखती हैं। अक्सर जब हमारे घर में कोई बीमार पड़ जाता है तो उनकी सेवा में पूरा घर दिन-रात लगा रहता है। समय बीतने के साथ घर के अन्य सदस्य भी थक जाते हैं और तनावग्रस्त हो जाते हैं। और यदि बीमारी कैंसर हो तो बीमार व्यक्ति के साथ-साथ पूरा परिवार मानसिक शारीरिक और आर्थिक रूप से पूर्णतः टूट जाता है।



कुछ ऐसा ही हुआ है हल्द्वानी के दमुवाढुंगा निवासी पूजा नेगी के पिताजी कुंदन सिंह नेगी के साथ। पूजा के पिताजी पिछले 7 महीनों से कैंसर से जूझ रहे हैं। इस वक्त वे कैंसर की फोर्थ स्टेज में पहुंच चुके हैं। उनकी हालत कभी-कभी इतनी बिगड़ जाती है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है और कैंसर जैसी बीमारी में अस्पताल का खर्चा भी आसमान छूने वाला होता है। ऐसी परिस्थितियों में यदि कोई आम इंसान होता तो वह मानसिक रूप से बहुत बुरी तरह टूट जाता लेकिन शायद इस बार कैंसर को भी नहीं पता था कि उसका सामना चट्टान की तरह मजबूत और हिमालय की तरह अडिग पहाड़ की बेटी पूजा नेगी से हो रहा है। क्योंकि घर के अकेले कमाने वाले व्यक्ति कुंदन सिंह नेगी इस वक्त कैंसर नामक भयावह बीमारी से जूझ रहे हैं तो घर चलाने और पिता का इलाज कराने की सारी जिम्मेदारी पूजा के कंधों पर आ गई है।

कौन है पूजा नेगी ?
पूजा नेगी मूलतः अल्मोड़ा की रहने वाली हैं लेकिन बचपन से ही वह अपने परिवार के साथ हल्द्वानी में निवास कर रही है। उन्होंने खालसा नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज, हल्द्वानी से विज्ञान विषय में 12वीं उत्तीर्ण है। तत्पश्चात पूजा ने एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी से फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषय के साथ स्नातक किया है। वर्तमान में वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रही है।

गजब की वॉल पेंटिंग करती है पूजा:
वह कहते हैं ना कि ईश्वर जब एक दरवाजा बंद करते हैं तो वे दूसरा दरवाजा खोल देते हैं, बस हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। पूजा को भी भगवान ने एक ऐसी ही कला दी है जिसे जो भी देखता है दंग रह जाता है। पूजा को बचपन से ही ड्राइंग का शौक है। पिछले 3 वर्षों से पूजा ने अनेक स्थानों पर वॉल पेंटिंग भी की है पूजा के द्वारा बनाई गई इन पेंटिंग्स को आप आर्मी कैंट परिसर, सीआरपीएफ काठगोदाम, ब्लॉक ऑफिस हल्द्वानी, बिनसर सेंचुरी अल्मोड़ा व विभिन्न रेस्टोरेंट्स और होटलों में देख सकते हैं।

यही नहीं पूजा समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताओं में भी भाग लेती रहती हैं। जहां उन्हें अनेक सम्मान पत्रों सहित अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया है। पूजा इंस्टाग्राम/kalakritipooja पर भी निरंतर रूप से अपनी विभिन्न कलाकृतियों को अपलोड करती रहती हैं। आर्डर प्राप्त होने पर पूजा घर से ही पेंटिंग बनाकर बेचती हैं।

इन विषम परिस्थितियों में भी अपना हौसला बनाए रखने और कैंसर से पीड़ित अपने पिता की जी-जान से सेवा करने पर समाचार सच की टीम पहाड़ की इस बेटी के जज्बे को सलाम करती है। साथ ही उनके पिता कुंदन नेगी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करती है।
लेखक हैं : मोटिवेशनल स्पीकर कुलदीप सिंह





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