समाचार सच, देहरादून। पंडा पुरोहितों के पुरज़ोर विरोध के बावजूद आखिरकार चारधाम देवस्थानम कानून अस्तित्व में आ गया। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम बिल को राजभवन से मंजूरी दे दी गयी है। अब चारधाम यात्रा अब नए एक्ट के तहत ही संचालित होगी।
ज्ञात हो कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ समेत 51 मंदिरों के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में देवस्थानम बिल लेकर आई। दिसंबर में विधानसभा से पास इस बिल पर राजभवन ने मुहर लगा दी है। पंडा-पुरोहितों के देहरादून से उत्तरकाशी तक विरोध से सरकार को कोई फ़र्क नहीं पड़ा।
मंजूरी के बाद प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा। उन्होंने कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा। उन्होंने कहा प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से हिंदु श्रद्धालु आना चाहते हैं। हमें अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है।
उनका कहना था कि बोर्ड बनने के बाद मंदिरों से जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ पुरोहितों, पंडों और हक हकूकधारियों को वर्तमान में प्रचलित देव दस्तूरात और अधिकार यथावत रहेंगे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले तथा उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए यह विधेयक लाया गया है।
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