समाचार सच, देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड रद्द किया जाना देश व धर्म के लिए उपयुक्त बताते हुए पूर्व सांसद तथा श्री नन्दा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष तरूण विजय ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह धामी को साधुवाद दिया है। पुजारियों की इच्छा की अवहेलना, प्राचीन धर्म परम्परा का तिरस्कार औपनिवेशिक ब्रिटिश मानस दर्शाता है जो सेकुलर एवं पश्चिमी मानस के राजनेता और पत्रकार दिखाते हैं। दुःख है कि जो पुजारी उत्तराखण्ड के धर्मरक्षक हैं, उन्हें न्याय पाने के लिए आंदोलन करना पड़ा।
तरूण विजय ने कहा कि पुजारी जीवन भर दरिद्रता में रहकर धर्म रक्षा करतें हैं, जीवन के प्रथम क्षण से अंतिम क्षण तक हर सुख दुःख में वे परंपरा निर्वाह हेतु दुनिया भर में जाने जाते हैं, लेकिन उनको ही जिस प्रकार का राजकीय संरक्षण और प्रोत्साहन मिलना चाहिए वह नहीं मिलता। तरूण विजय ने मांग की है कि प्रदेश के सभी पुजारियों को शासकीय पेंशन की सुविधा दी जाए। उनसे उत्तराखण्ड के धर्म-सेतु जीवित हैं। तमिलनाडु से लेकर उड़ीसा, तेलंगाना व कर्नाटक में यह व्यवस्था है तो देवभूमि में क्यों नहीं ?
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