गैस के सिर में चढ़ने के कारण अक्सर सिर में दर्द रहता है, आइए घरेलू उपायों द्वारा दूर करें

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। हमारे बदलते जीवन में हमारा रहन-सहन तथा खाना-पान सब कुछ बदल चुका है, जिसके कारण हम कई बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली की देन सिरदर्द आजकल काफी आम बीमारी हो गई है। हालांकि सिरदर्द के कई कारण हैं लेकिन यदि हम अपनी जीवनशैली को ध्यान से देखें तो हम पाएंगे कि हमारी जीवन में सबसे ज्यादा बदलाव हमारे खान-पान को लेकर आया है। अनियमित, दूषित तथा जंग फूड खाने की वजह से पेट में गैस बनती है, जिससे कई बार लोगों को सिरदर्द की समस्या का सामना भी करना पड़ता है।

क्या है गैस ?
गैस (हवा) सामान्य रूप से हमारी आंतों के अंदर मौजूद है। गैस का अधिकांश उत्पादन पेट के बैक्टीरिया द्वारा होता है। सामान्य रूप से गैस मुंह से (डकार) या गुदा (आन्त्रवायु) से निष्कासित होती है। दैनिक 500 मिलीलीटर (आधा लीटर) गैस गुदा के माध्यम से निष्कासित होती है। जब ये गैस हमारे शरीर से बाहर नहीं निकल पाती तो पेट और छाती से होते हुए सिर में चढ़ जाती है। गैस के सिर में चढ़ने के कारण अक्सर सिर में दर्द रहता है। ऐसे में गैस के सिरदर्द को दूर करने के लिए सबसे जरूरी है कि पेट की गैस से ही निजात पाई जाए। पेट गैस को आधवायु बोलते हैं को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है।

गैस बनने के लक्षण
पेट में दर्द, जलन, पेट से गैस पास होना, डकारें आना, छाती में जलन, अफारा। इसके अलावा जी मिचलाना, खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना और पेट साफ न होने जैसा महसूस होना और साथ ही छाती और सिर में बहुत तेज दर्द होना।

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गैस बनने के कारण
शरीब पीने से , मिर्च-मसाला, तली- भुनी चीजें ज्यादा खाने से। बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से, खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से, क्योंकि इसमें गैसीय तत्त्व होते हैं, तला या बासी खाना, टेंशन रखना, देर से सोना और सुबह देर से जागना, खाने-पीने का टाइम फिक्स्ड न होना ये सभी कारण पेट में गैस बनने और उसके परिणामस्वरूप सिरदर्द की वजह है।

घरेलू नस्खे

  • एक मुनक्के का बीज निकालकर उसमें मूंग की दाल के एक दाने के बराबर हींग या फिर लहसुन की एक छिली कली रखकर मुनक्के को बदं कर लें। इसे सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। इसके 20-25 मिनट बाद तक कुछ न खाएं। तीन दिन लगातार ऐसा करें। इसके अतिरिक्त हींग को पानी में घोलकर नाभि के आसपास लेप करें। पेट की गैस निकल जाएगी। यह उपाय छोटे बच्चों के लिए बहुत ही गारगर है। भुनी हुई हींग में आधा से एक ग्राम अजवाइन और काल नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट में गैस का बनना व ऊपर चढ़ना एकदम ठीक हो जाता है।
  • अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कर दें।
  • पांच ग्राम हल्दी या अजवायन और तीन ग्राम नमक मिलाकर पानी से लें।
  • दो लौंग चूस लें या फिर उन्हें उबालकर उस पानी को पी लें।
  • पानी में 10-12 ग्राम पुदीने का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर लें।
  • खाना खाने के बाद 25 ग्राम गुड़ खाने से गैस नहीं बनती और आंते मजबूत रहती है।
  • बिना दूध के नींबू की चाय भी फायदा करती है पर नींबू की बूंद्र चाय बनाने के बाद ही डाले। इसमें चीनी की जगह हल्का- सा काला नमक डाल लें, फायदा होंगे।
  • बेल का चूर्ण, त्रिफला और कुटकी मिलाकर (दो से छह ग्राम) रात को खाना खाने के बाद पानी से लें।
  • लहसुन की एक-दो कलियों के बारीक टुकड़े काटकर थोड़ा-सा नमक और नींबू की बूंदें डालकर गर्म पानी से सुबह खाली पेट निगल लें। इससे कॉलेस्ट्रॉल, एंजाइना और आंतों की टीबी आदि बिमारियां ठीक होने में भी मदद मिलेगी। गर्मियों में एक-दो और सर्दियों में दो-तीन कलियां लें।
  • आधे कच्चे, आधे भुने जीरे को कूटकर गर्म पानी से दो ग्राम लें। ऐसा दिन में दो बार एक सप्ताह तक करें। इसके बाद मोटी सौंफ को भून-पीसकर गुड़ के साथ मिक्स करके 6-6 ग्राम के लड्डू बना लें। दिन में दो-तीन बार लड्डू चूसें।
  • 10- हर बार खाने के साथ अजवायन भी खाएं तो पाचन बढ़िया होगा। खाने में सादा के साथ-साथ काला नमक भी इस्तेमाल करें।
    उपरोक्त सभी उपायों से पेट में गैस बनना व उसके कारण होने वाले सिरदर्द से आसानी से निजात पाई जा सकती है। यदि आपको उपरोक्त नुस्खों को अपनाकर भी दर्द में रहात नहीं मिल रही तो किसी चिकित्सक से जांच करवाएं।
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गैस से मुक्ति में कारगर योग
कपालभाति व अग्निसार क्रिया, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, हृदयस्तम्भासन, नौकासन, मंडूकासन, अर्द्धमत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, वज्रासन व उडियान बंध आसन करने से गैस व उसके कारण होने वाले सिरदर्द में आराम मिलता है।

बरतें सावधानी
बीपी और दिल के मरीज कपालभाति बहुत धीरे-धीरे करें। जिनका हाल ही में पेट का ऑप्रेशन हुआ हो वे यह क्रिया न करें। पेट का ऑप्रेशन, हर्निया और कमर दर्द में अग्निसार क्रिया न करें। हाई बीपी या कमर दर्द हो, तो उत्तारपादासन एक पैर से करें। घुटनों में दर्द हो, तो वज्रासन व मंडूकासन नहीं करना चाहिए। (आभार: साधना पथ)

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