समाचार सच, देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को परंपरा के अनुसार राजभवन में अत्यंत आकर्षक एवं कोमल पुष्प ट्यूलिप बल्ब का रोपण किया। आपको बता दें कि इस वर्ष राजभवन में ट्यूलिप की 7 प्रजातियों के 4000 बल्ब्स रोपित किए जा रहे हैं। यह बल्ब वसंतोत्सव 2022 तक पुष्पावस्था में रहेंगे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के निर्देशानुसार इस वर्ष ट्यूलिप क्यारी के निकट एक सेल्फी प्वाइंट विकसित किया जा रहा है, जहां पर वसंतोत्सव 2022 के दौरान आगंतुक सेल्फी ले सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों को ट्यूलिप के उत्पादन के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। दुनिया के सबसे महंगे फूलों की श्रेणी में शुमार ट्यूलिप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इस चित्राकर्षक फूल की व्यवसायिक खेती की अधिक से अधिक संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि टयूलिप की खेती के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आय में वृद्धि होगी तथा रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा मिलेगा। फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के निर्देशानुसार राजभवन में श्री बदरीनाथ धाम पुष्प वाटिका, श्री केदारनाथ धाम पुष्प वाटिका, श्री गंगोत्री धाम पुष्प वाटिका, श्री यमुनोत्री धाम पुष्प वाटिका, श्री हेमकुंड साहिब पुष्प वाटिका, श्री नानकमत्ता साहिब पुष्प वाटिका तथा सैनिक धाम पुष्प वाटिका विकसित की जा रही है। इन पुष्प वाटिकाओ में उक्त धामों से लाई गई मिट्टी डाली गई है। इसके साथ ही राज्यपाल ने उद्यान अधिकारी श्री दीपक पुरोहित को राजभवन में रॉक गार्डन निर्माण के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि अन्य राज्यों में नेचुरल तथा ऑर्गेनिक खेती में हो रही बेस्ट प्रैक्टिसेज को राजभवन में प्रयोग के रूप में आरंभ किया जाए तथा राज्य के किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने उद्यान अधिकारी को इसके संबंध में एक कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने जी बी पंत कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में विकसित किए जा रहे विभिन्न पौधों के बीजों को प्रयोग के तौर पर राजभवन में रोपण करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में राजभवन के माध्यम से आम लोगों व किसानों के लिए उनका प्रचार प्रसार किया जा सके। उल्लेखनीय है कि प्रथम बार राजभवन परिसर में ट्यूलिप का रोपण वर्ष 2015 में तत्कालीन राज्यपाल द्वारा किया गया था। उस समय एक प्रयोग के तौर पर मात्र 200 बल्ब का रोपण किया गया, जिसका परिणाम उत्साहवर्धक रहा। इसके उपरांत नित्य वर्ष 2016 में 2017 में 500-500 तथा वर्ष 2018 में 2000 बल्ब का रोपण किया गया। उद्यान अधिकारी श्री दीपक पुरोहित द्वारा बताया गया कि आमतौर पर ट्यूलिप पुष्प 6500 फीट से अधिक ऊंचाई के क्षेत्रों में होते हैं। बसंत ऋतु में खिलने वाला यह पादप नैसर्गिक रूप से हॉलैंड, चीन, जापान, टर्की, उत्तरी ईरान, अफगानिस्तान तथा एशिया के कुछ अन्य देशों के ठंडे इलाकों में पाया जाता है। उत्तराखंड के चमोली तथा पिथौरागढ़ जैसे पर्वतीय जिलों में भी ट्यूलिप गार्डन विकसित किए गए हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) राजभवन के उद्यान में कार्यरत मालियों व श्रमिकों से मिले तथा उनके तथा उनके परिवारजनों की कुशलक्षेम पूछी। राज्यपाल ने उद्यान कर्मियों के परिश्रम, कौशल और लगन की प्रशंसा की तथा उन्हें पुरस्कृत करने के निर्देश दिए।
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