समाचार सच, हल्द्वानी। आश्रय सेवा समिति वृद्धाश्रम में पिछले छह दिनों से चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के तहत शुक्रवार को श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा का आयोजन किया गया। श्रीधाम वृंदावन से पधारे प्रसिद्ध व्यास कृष्ण संदेश महाराज ने पंच अध्याय का भावपूर्ण वर्णन किया। उनके प्रवचनों से वृद्धाश्रम का माहौल भक्तिमय हो गया।
इस विशेष अवसर पर श्रीकृष्ण विवाह की भव्यता को भक्तिमय रूप से प्रस्तुत किया गया। आश्रय सेवा समिति वृद्धाश्रम के संस्थापक प्रकाश डिमरी और मालती डिमरी को कथा में श्रीकृष्ण विवाह के दौरान कन्यादान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह क्षण उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक रहा।
कथा के दौरान भक्ति और सेवा का संगम
व्यास कृष्ण संदेश महाराज ने अपने प्रवचनों में श्रीमद्भागवत के पंच अध्याय की व्याख्या करते हुए भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की आध्यात्मिक महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह कथा आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित भक्तगण भावविभोर हो गए और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में तल्लीन नजर आए। कथा स्थल पर भजन-कीर्तन और आरती से वातावरण गूंज उठा।
विशिष्ट जनों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मयंक बिष्ट, मनोज लोहनी, प्रतीक, गगन तिवारी, किरण बिष्ट और तारा चौधरी समेत कई श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने कथा का आनंद लिया और वृद्धाश्रम के सेवा कार्यों की सराहना की।
सेवा और भक्ति का संदेश
आश्रय सेवा समिति वृद्धाश्रम का यह आयोजन न केवल भक्ति का प्रतीक था, बल्कि सेवा और सामाजिक समर्पण का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रकाश डिमरी ने कहा कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य वृद्धाश्रम के निवासियों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करना है।
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