समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। इस बार हिंदू नववर्ष का आरंभ शनिवार से हो रहा है, इसलिए इसके राजा शनिदेव रहेंगे। वहीं मंत्री देवगुरु बृहस्पति रहेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, जब शनि राजा और गुरु के मंत्री होने से देश में उत्पात और अव्यवस्था तो बढ़ेगी, लेकिन विद्वानों की सलाह से कम होती जाएगी। इस दौरान धार्मिक कार्य बढ़ेंगे। शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा। इस बार हिंदू नववर्ष की शुरूआत रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में हो रहा है, ये भी एक शुभ संकेत है।


1500 साल बाद अति बन रहा है ये अति दुर्लभ योग
ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल नए साल की शुरुआत में मंगल अपनी उच्च राशि यानी मकर में रहेगा, वहीं राहु-केतु भी अपनी उच्च राशि (वृषभ और वृश्चिक) में रहेंगे। शनि पर नजर डाली जाए तो ये ग्रह भी स्वराशि यानी मकर में ही रहेगा। हिंदू नववर्ष की कुंडली में शनि-मंगल की युति होने से शुभ योग बन रहा है, जिसका फायदा मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों को मिल सकता है। ज्योतिषियों की माने तो हिंदू नववर्ष पर ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है। इसके पहले ऐसा दुर्लभ योग 22 मार्च 459 को बना था।
ऐसा रहेगा ग्रहों का मंत्रिमंडल और उनका प्रभाव
- हिंदू नव संवत्सर नल में राजा और मंत्री सहित 5 विभाग पाप ग्रहों के पास तथा 5 शुभ ग्रहों के पास रहेंगे। इस वर्ष के राजा शनिदेव रहेंगे वहीं मन्त्री पद देवगुरु बृहस्पति के पास है। सस्येश का पद सूर्य, दुर्गेश का पद बुध, धनेश का पद शनि, रसेश का पद मंगल, धान्येश का पद शुक्र, नीरसेश का पद शनि, फलेश का पद बुध और मेघेश का पद बुध के पास रहेगा।
- ग्रहों के इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखाई देगा। लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा। कई लोगों के लिए ये साल सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला रहेगा। इस साल लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा। कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला साल रहेगा।

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