गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना का समय प्रातः 6.30 से 12.55 तक, इस दिन नहीं करने चाहिए चंद्रमा के दर्शन

खबर शेयर करें
(ज्योतिषी डॉ. नवीन चन्द्र जोशी, प्राचार्य श्रीमहादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड़, हल्द्वानी)

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। गणेश चतुर्थी व्रत 10 सितम्बर शुक्रवार को मनाया जायेगा। ऋद्धि सिद्धि दाता भगवान गणपति बप्पा जी मूर्ति स्थापना का मूहूर्त प्रातःकाल 6.30 बजे से प्रारम्भ होगा जो दिन में अभिजित मुहूर्त यानि 12.55 बजे तक है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश जी विघ्नों के नाशक हैं उन्हें सर्वश्रेष्ठ व सर्वशक्तिमान कहा गया है। संसार में बिना गणपति पूजन के किसी भी यज्ञ पूजन का फल नहीं मिलता है।

यह भी पढ़ें -   18 अपै्रल 2024 बृहस्पतिवार का पंचांग, जानिए राशिफल में आज का दिन कैसा रहेगा आपका….

शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति गणेश चतुर्थी व्रत करते हैं उन्हें जीवन में कभी रोग शोक नहीं मिलता है। भगवान श्री गणेश जी को लड्डू अतिप्रिय हैं तथा दूर्वा, अक्षत, सिन्दूर आदि से भगवान गणपति जी का पूजन करना चाहिए।

श्रीगणपति जी की स्थापना कर श्रीगणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गणेश चतुर्थी को चन्द्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए इससेे श्री गणपति जी रुष्ट हो जातें हैं। सामूहिक पूजन-अर्चन करने का विशेष महत्व बताया गया है। समय के अनुसार तीन पांच सात अथवा अनन्त चर्तुदशी को गणपति विसर्जन का विधान शास्त्रों में कहा गया है। मूर्ति स्थापना कर चारों प्रहर पूजन करने का महत्व है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440