अचानक से चक्कर आना और कमजोरी लगे तो हो सकते हैं हाइपोटेंशन के लक्षण, जानें कारण और बचाव के

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। कोरोना महामारी ने हमें यह सिखा दिया है कि हमें सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने स्वास्थ्य को देनी चाहिए। अगर आप किसी भी तरह का बदलाव या कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो बिना झिझक के और देरी के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपको पता ही होगा कि हमारे शरीर को चलाने में ब्लड यानि कि खून बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यदि इसके फ्लो में जरा भी गड़बड़ हो तो कई समस्घ्याएं खड़ी हो सकती हैं। जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है तो हाई ब्घ्लड प्रेशर की स्थिति हो जाती है और जब कम होता है तो ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन भी कहते हैं। यदि इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो हार्ट अटैक और स्घ्ट्रोक की संभावना रहती है। इसी तरह लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन कहते हैं। ब्लड प्रेशर का लो होना भी शरीर के लिए सही नहीं है। इस स्थिति में भी कई बीमारियों का खतरा रहता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि हाइपोटेंशन क्घ्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं।

क्या होता है हाइपोटेंशन
हाइपोटेंशन को लो ब्लड प्रेशर भी कहते हैं। जब बॉडी में ब्लड का फ्लो सामान्य से कम हो जाता है तो ये स्थिति लो ब्लड प्रेशर की होती है। लो ब्लड प्रेशर होने पर ब्रेन तक ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व समय पर नहीं पहुंचते हैं। हाइपोटेंशन होने पर शरीर पहले कुछ लक्षण देता है। यदि समय पर इन्हें समझकर इलाज शुरू नहीं किया गया तो ये स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। एक सामान्य वयस्क व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 प्रतिशत होता है। जब, ब्लड प्रेशर इससे कम हो जाता है तो इसे हाइपोटेंशन या लो ब्लड प्रशर कहा जाता है।

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हाइपोटेंशन का कारण
हाइपोटेंशन विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें निर्जलीकरण, लंबे समय तक बेड रेस्ट पर रहना, गर्भावस्था, डायबिटीज, दिल की समस्याएं, सीने में जलन, एसिडिटी, अत्यधिक गर्मी, वैरिकाज़ नसों का चौड़ा होना और कुछ तंत्रिका संबंधी विकार शामिल हैं। ये सभी कारण अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर करती हैं।

हाइपोटेंशन के लक्षण क्या हैं –

हाइपोंटेंशन के लक्षणों की बात करें तो, ये हर किसी में अलग हो सकते हैं। हालांकि कुछ लक्षण इनमें सामन्य नजर आते हैं जैसे कि बेहोशी, डिहाइड्रेशन, बुखार, उल्टी, गंभीर दस्त। इसके अलावा रोजमर्रा के काम के दौरान एकाग्रता का अभाव महसूस करना, धुंधली दृष्टि, ठंडी, चिपचिपी और पीली त्वचा। साथ ही लंबे समय तक थकान महसूस करना भी हाइपोटेंशन के लक्षण हैं। इसके अलावा भी शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं जैसे कि

  • कमजोरी होना और चक्कर आना
  • सिर में अचानक से तेज दर्द
  • आंखों के आगे कालापन या धुंधलापन छा जाना
  • शरीर का ठंडा पड़ जाना
  • सांसों का तेज होना
  • जी मचलना या उल्टी होना
  • तेज आवाज या शोर का सहन न कर पाना, आदि।
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ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने की टिप्स –

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए अपनी डाइट में पोटेशियम से भरपूर फूड्स एड करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, आलू, केले, संतरे और फलियां पोटेशियम का स्त्रोत हैं।

  • अगर आप ब्लड प्रेशर हाई है तो नमक की मात्रा एकदम सीमित कर दें। अगर आपने समय रहते ऐसा नहीं किया तो हाई बीपी के साथ स्ट्रोक की दिक्कत भी बढ़ जाएगी। और यदि आपको लो बीपी की दिक्कत है तो आप नमक का सेवन बढ़ा सकते हैं।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो दिल को रक्त पंप करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है।
  • किसी भी सूरत में स्ट्रेस न लें। स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए योगा और मेडिटेशन करें। अगर आप मेडिटेशन शुरू कर रहे हैं तो आसान टिप्स को फॉलो करें।
  • अपनी डाइट में कैल्शियम को भी शामिल करें। इसके लिए आप दूध, दही, बीन्स और टोफू का सेवन कर सकते हैं।
  • लो ब्लड प्रेशर की समस्या को कभी भी नजरअंदाज ना करें। आपके शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण और संकेत नजर आएं तो अपने डॉक्टर के पास जाएं और ब्लड प्रेशर चेक करवाएं। क्यों इसे नजरअंदाज करना जानलेवा भी हो सकता है।

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