ढाई घंटे में ऐसे हुई निर्भया मामले के चार दरिंदों को फांसी

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साभार फोटो: सोशल मीडिया

समाचार सच, नई दिल्ली (एजेन्सी)। आखिरकार लगभग 7 वर्ष के बाद दिल्ली गैंगरेप के चारों दरिंदों को शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई। इस मामले में गुरुवार की देर रात से लेकर शुक्रवार को तड़के तक तिहाड़ जेल के अंदर और बाहर दोनों ही जगह पर हलचल काफी बढ़ी रही। हम आपको बताते है कि ढाई घंटे में दिल्ली गैंगरेप के चारों दरिंदों को फांसी किस प्रकार से दी गयी। जिसकी रिपोर्ट इस प्रकार से हैं…..

शुक्रवार की सुबह 3.04 मिनट पर चारों दोषियों को जगाने के बाद उन्हें फांसी पर चढ़ाने के लिए तय समय यानी 5.30 बजे की जानकारी दी गई। तिहाड़ जेल प्रशासन ने 3.50 मिनट पर फांसी की तैयारी शुरू की। डीजी तिहाड़ संदीप गोयल सुबह 4.00 बजे जेल पहुंचे और पवन जल्लाद जेल नंबर तीन के फांसी घर में पहुंचा। साथ ही उप अधीक्षक जेल के कमरे से फांसी के रस्सी के बक्से लाए गए। जेल अधिकारियों की पवन जल्लाद के साथ 4.05 मिनट के आसपास इस मामले पर चर्चा शुरू हुई।

चारो दोषियों को सुबह 4.11 मिनट पर नया कुर्ता-पैजामा पहनने के लिए दिया गया। लेकिन एक दोषी पवन ने नए कपड़े पहनने से मना कर दिया। डिप्टी सुपरीटेन्डेंट 4.17 मिनट पर दोषियों के सेल में पहुंचे। दोषी विनय ने 4.34 मिनट पर जेल प्रशासन से कहा कि वो अपने वकील से बात करना चाहता है। लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं की गई।

जेल प्रशासन की तरफ से सुबह 4.36 मिनट पर चारों दोषियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया। करीब 3 मिनट तक जांच करने के बाद चिकित्सकों ने सभी दोषियों को स्वस्थ घोषित किया। 4.42 मिनट पर सभी दोषियों को 10-15 मिनट का समय दिया गया ताकि वो अपने धर्म के मुताबिक अंतिम प्रार्थना कर सकें।

इधर करीब दो मिनट बाद यानी 4.44 बजे से तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। सुबह 5.00 बजे दोषियों के हाथ पीछे कर बांध दिये गये। लेकिन इस दौरान दो दोषी हाथ बंधवाने के लिए ना नकुर कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मी ने जबरदस्ती इनके हाथ बांधे दिये। 5.03 मिनट पर सभी दोषियों को फांसीघर की तरफ लाया गया। फांसी घर में पहुंचते ही पवन के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं और वो वहीं पर लेट गया। सुरक्षाकर्मी उसे उठाकर फांसी के फंदे तक ले गये।

इधर 5.20 मिनट पर तिहाड़ जेल के बाहर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। 5.26 मिनट पर चारो के चेहरे को नहीं ढका दिया और उनके गर्दन में फंद कस दिया गया। ठीक 5.30 मिनट पर जेल प्रशासन की तरफ से इशारा मिलते ही पवन जल्लाद ने लीवर खींचा और चारों दोषी फांसी के फंदे पर झूल गए। चारों के शव करीब 30 मिनट तक फांसी के फंदे से लटकने के बाद चारो को फंदे से उतारा गया। करीब सुबह 6 बजे डॉक्टर ने शवों की जांच की। अब जेल सुपरिंटेंडेंट द्वारा साइन ब्लैक वारंट के साथ डेथ सर्टिफिकेट वापस कोर्ट जाएगा, की आदेश का पालन हुआ।

इधर मां ने अपनी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह फांसी दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आखिरकार न्याय हुआ और अब महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी। अपने आवास पर उन्होंने कहा कि न्याय में विलंब हुआ लेकिन उन्हें न्याय मिला। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के लिए न्याय की खातिर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा ‘हम उच्चतम न्यायालय से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें।

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