वैशाख मास में स्नान-दान, जाप और तप करने से सुख-समृद्धि व आशीर्वाद प्राप्त होता है

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर के दूसरे माह वैशाख मास की शुरुआत होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है। इस मास में स्नान-दान, जाप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्कंद पुराण में वैशाख माह को ‘माधव मास’ कहा गया है, आईए जानते हैं 2024 वैशाख माह कब से शुरू हो रहा है और इसके महत्व के बारे में।

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पंडित भानु प्रकाश दवे के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि वैशाख माह में स्नान, दान, जप, तप इत्यादि करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 से मिनट से होगी और इसका समापन 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगा. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का सूर्याेदय 24 अप्रैल बुधवार को होगा। इसी दिन से वैशाख माह की शुरुआत होगी और इसका समापन 23 मई को होगा

वैशाख माह का महत्व
वैशाख माह श्री हरि की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस माह में स्नान-दान, जाप और तप करने से इंसान को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्र विशाखा नक्षत्र में होते हैं और इस नक्षत्र के स्वामी गुरु और देवता इंद्र हैं। इसलिए वैशाख माह में चंद्र देव की पूजा करने महत्वपूर्ण माना गया है। वैशाख में गर्मी की मात्रा तीव्र होती जाती है. ऐसे में दिनचर्या में जल का प्रयोग अधिक करें। मसालेदार और बासी चीजें खाने से बचें। प्रतिदिन सूर्याेदय से पूर्व उठें और ठंडे पानी से स्नान कर कार्य शुरू करें।

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