समाचार सच, हल्द्वानी। भारत बंद का हल्द्वानी में मिलाजुला असर देखने को मिला। कुछ स्थानों में बाजार खुले रहे। जबकि कुछ स्थानों में बाजार बंद रहे। दुकानें खोलने वाले व्यापारियों का कहना था कि कोरोना संक्रमण की मार के चलते वह प्रतिष्ठान बंद नहीं कर रहे हैं। भारत बंद के तहत दुकानदारों में प्रातः से ही असमंजस की स्थिति बनी रही। दुकानें खोलने व बंद रखने को लेकर व्यापारियों में संशय रहा। इस बीच नगर का अधिकांश बाजार खुला रहा। हालांकि कुछ स्थानों में व्यापारियों ने इस बंद को समर्थन देते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। भारत बंद के तहत विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। सुरक्षा की दृष्टि से नगर में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।



जनता का हर तबका मोदी सरकार की नीतियों से त्रस्त और परेशान: किसान संगठन
हल्द्वानी। किसान विरोधी कृषि कानूनों, कंपनीराज, निजीकरण, सरकारी संपदा को बेचने तथा बेतहाशा बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ 27 सितंबर को आयोजित भारत बंद को सफल करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों के लोग संयुक्त रूप से बड़ी संख्या सड़कों पर उतरे। भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा आहूत 27 सितम्बर 2021 के भारत बंद को हल्द्वानी अभूतपूर्व समर्थन मिला। इसने यह साबित कर दिया कि जनता का हर एक तबका मोदी सरकार की नीतियों से त्रस्त और परेशान है।
सुबह 8 बजे मंगल पड़ाव व गौला पुल पर दो जगह किसान एकत्र हुए। वहां से दोंनो सिरों से किसानों और समर्थकों ने हल्द्वानी शहर के बाजारों में प्रवेश किया। हल्द्वानी के बाजारों में जुलूस निकालकर शांतिपूर्ण तरीके से व्यापारियों, ठेला, फड़, खोका वालों से बंद की अपील की गयी। किसानों की अपील पर अधिकांश व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान व दुकानों को बंद कर दिया। उसके पश्चात बाजारों से होकर जुलूस बुद्धपार्क पहुंचा जहाँ सभा की गयी जिसमें काले कृषि कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया गया। बुद्धपार्क में किसान नेताओं ने उपनल कर्मचारियों के आंदोलन की माँगों को भी समर्थन प्रदान किया।
किसान महासभा के जिला संयोजक बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि मजदूर किसान विरोधी कानूनों और बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी ने आम जनता को इस सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है। मोदी सरकार ने अगर किसान मजदूरों के खिलाफ और कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में नीतियां बनाना बंद नहीं किया तो किसानों मजदूरों के साथ साथ आम मेहनतकश जनता मोदी सरकार को करारा जवाब देने को तैयार है।
भारत बन्द के समर्थन में मुख्य रूप से किसान महासभा के जिला संयोजक बहादुर सिंह जंगी, भाकपा माले राज्य सचिव राजा बहुगुणा, ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, क्रालोस अध्यक्ष पी पी आर्य, किसान यूनियन के बलजीत सिंह प्रधान, जगविंदर सिंह, गुरजीत सिंह, ऐक्टू नेता डॉ कैलाश पाण्डेय, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी, अर्जुन सिंह बिष्ट, हरभजन सिंह, सुखजीत सिंह, बलविंदर सिंह, नीमा चंदोला, जगदीश चंद्र जीतू, अम्बेडकर मिशन एंड फाउंडेशन के जी आर टम्टा, हरीश लोधी, गोविंद राम गौतम, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी, नीता, मोहन मटियाली, मुकेश भंडारी, टी आर पाण्डे, नफीस अहमद खान, सिराज अहमद, आनंद सिंह दानू, हरीश भंडारी, पूर्व सैनिक एन डी जोशी, सुलेमान आदि सैकड़ों की संख्या में किसान आंदोलन के समर्थक मौजूद रहे।
भारत बंद को सफल बनाने पर धीरेंद्र प्रताप ने दी बधाई
देहरादून। भारत बंद को सफल करने पर उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने देहरादून की जनता व राज्य की तमाम जनशक्ति को बधाई दी है। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने आज दोपहर 2 बजे तक देहरादून के तमाम बाजार और स्थानीय कार्यालय व्यवसाईयो द्वारा भारत बंद को सफल बनाएं जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश का किसान जब वर्षों से सड़कों पर है तो देश की जनता मूकदर्शक नहीं रह सकती। उन्होंने उत्तराखंड की जनता से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए लामबंद होने की अपील करते हुए कहां है कि अब समय आ गया है कि जन विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंका जाए क्योंकि जो विश्वास मत उन्होंने प्राप्त किया था उस पर वो खरे नहीं उतरे।




सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440