ज्येष्ठ माह 2025: कब से है शुरू और कौन – कौन से पर्व मनाए जाते हैं

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के आखिरी में पूर्णिमा मनाई जाती है जिसके बाद नए महीने की शुरुआत हो जाती है। वैशाख पूर्णिमा के समापन के बाद तीसरे महीने यानी ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो जाएगी। ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा तिथि पर ज्येष्ठ मास का पहला दिन होता है। ज्येष्ठ माह की शुरुआत किस तारीख से हो रही है? ज्येष्ठ के महीने में व्रत और पूजा के क्या नियम होते हैं? ज्येष्ठ माह का क्या महत्व है? ज्येष्ठ मास में बड़ा मंगलवार क्या है और कब-कब पड़ेगा? आइए इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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2025 में जेठ कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार जेठ महीना यानी ज्येष्ठ मास 13 मई, मंगलवार से शुरू है। ज्येष्ठ महीने का समापन 11 जून बुधवार को होगा। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का खास महत्व है। इस पूरे महीने कई व्रत और पर्व होते हैं। पूजा-अर्चना के अलावा कुछ चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि और धन वृद्धि के योग बनते हैं।

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ज्येष्ठ मास में क्या है बड़ा मंगल और मंगलवार का महत्व?
धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ मास में भगवान राम से बजरंगबली की मुलाकात हुई थी। इस वजह से जेठ महीने में पड़ने वाले सभी मंगलवार का खास महत्व होता है और ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन बजरंगबली और श्री राम की पूजा व व्रत रखने का खास महत्व होता है।

ज्येष्ठ मास में बड़ा मंगल कब-कब है?

  • 13 मई को पहला बड़ा मंगल है।
  • 20 मई को दूसरा बड़ा मंगल है।
  • 27 मई को तीसरा बड़ा मंगल है।
  • 2 जून को चौथा बड़ा मंगल है।
  • 10 जून को पांचवां बड़ा मंगल है।
    ज्येष्ठ माह में किन चीजों के दान करने का महत्व?
    अन्न का दान, जल का दान, कपड़े का दान, आर्थिक मदद करना, पशु-पक्षियों को पानी पिलाना
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ज्येष्ठ माह में व्रत-त्योहार 2025
ज्येष्ठ महीने में कई खास दिन जैसे- परा एकादशी, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी है। ये सभी खास दिन जेठ के महीने में मनाए जाएंगे। ये महीना हनुमान जी और राम जी की पूजा-अर्चना के अलावा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का भी खास महत्व है। बड़े मंगलवार को व्रत रखने से शुभ फल मिलते हैं। 26 मई को ज्येष्ठ अमावस्या है और इस दिन महिलाओं द्वारा वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। सुहागन महिलाएं वट की पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। ज्येष्ठ मास में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। 5 जून को पावन पर्व गंगा दशहरा है और इस दिन गंगा नदी में स्नान किया जाता है।

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