समाचार सच, पिथौरागढ/अल्मोड़ा। कोराना वायरस संक्रमण के चलते इन दिनों देश के प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा पर रोक लगायी गयी है। वहीं कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी ग्रहण लग गया है। अब उक्त यात्रा इस वर्ष नहीं हो पायेगी। ज्ञात हो कि मानसरोवर यात्रा के आयोजन को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब सच साबित हो गई हैं।
उक्त बारे में जानकारी देते हुए केएमवीएन के अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि जिन गिने-चुने श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए आवेदन किया था, उन सभी ने अपने आवेदन वापस ले लिए हैं। गौरतलब है कि कैलाश-मानसरोवर तिब्बत में पड़ता है, जो चीन के कब्जे में है।
ज्ञात हो कि जून के पहले हफ्ते से हर साल मानसरोवर यात्रा 3 माह के लिए आयोजित होती है। यात्रा न होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को 5 करोड़ रुपए से अधिक का नुक़सान होने की आशंका है। केएमवीएन को हर यात्री से 35 हजार से अधिक की कमाई होती थी।
यात्रा न होने की स्थिति में अब केएमवीएन आदि कैलाश यानी छोटा कैलाश की यात्रा को व्यापक रूप से आयोजित करने का प्लान बना रहा है। केएमवीएन के अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि आदि कैलाश भारतीय सीमा में है। ऐसे में इस यात्रा के लिए दूसरे देश में निर्भरता नहीं रहती है। कोरोना संक्रमण थमने के बाद निगम आदि कैलाश की यात्रा में ज्यादा से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को शामिल करने की कोशिश करेगा ताकि निगम के नुकसान की भी भरपाई हो सके।
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