समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में उनके एक बयान को लेकर राज्य में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। फरवरी में हुए बजट सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों के साथ बहस में उन्होंने कहा था कि क्या यह राज्य सिर्फ पहाड़ियों के लिए बनाया गया है? इस टिप्पणी के बाद विरोध तेज हो गया, और उनके इस्तीफे की मांग होने लगी। आज, इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा कि उन्हें अपने राज्य के प्रति योगदान को साबित करना पड़ रहा है, जिससे वह आहत हैं।
राजनीतिक सफर और विवादों से जुड़ाव
प्रेमचंद अग्रवाल उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं। उनका जन्म देहरादून जिले के डोईवाला में हुआ था। उन्होंने एमकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की और छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े। 1980 में एबीवीपी के डोईवाला अध्यक्ष बने और 1995 में भाजपा की देहरादून जिला इकाई के प्रमुख बने। उत्तराखंड आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
2007 में ऋषिकेश सीट से पहली बार भाजपा विधायक बने और 2012, 2017 और 2022 में फिर से जीत हासिल की। वह उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हालांकि, उनका राजनीतिक जीवन विवादों से भी घिरा रहा है। 2023 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक युवक के साथ सड़क पर हाथापाई करते नजर आए थे। 2019 में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के कार्यक्रम के दौरान उनकी भगत राम कोठारी से तीखी बहस हुई थी।
इसके अलावा, उन पर बैकडोर भर्तियों और अपने बेटे को जल संस्थान में नौकरी दिलाने के आरोप भी लगे। 2018 में विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए इस मामले को लेकर उनकी आलोचना हुई थी।
अब, हालिया विवाद के बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।




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