समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। सुबह उठते ही गले में सूखापन या खराश महसूस होना अक्सर असहज लगता है। कभी-कभी यह सामान्य होता है, लेकिन अगर लगातार बने रहे, तो यह शरीर की किसी समस्या का संकेत हो सकता है। अक्सर इसके पीछे सोने का तरीका, कमरे की हवा या शरीर का अंदरूनी बैलेंस जिम्मेदार होता है। सही कारण समझ आने पर आप लंबे समय तक चलने वाले गले के दर्द और नींद से जुड़ी दिक्कतों से बच सकते हैं। जानें सुबह गले के सूखने के प्रमुख कारण।
- नींद में मुंह से सांस लेना
- गले में सूखापन होने का सबसे आम कारण मुंह से सांस लेना है। जब नाक की बजाय मुंह से सांस ली जाती है, तो हवा सीधे गले की नाजुक परतों को सुखा देती है।
- संभावित वजहें – नाक बंद होना, टेढ़ी नाक की हड्डी या स्लीप एप्निया।
- लंबे समय में यह गले में जलन और बदबूदार सांस का कारण भी बन सकता है।
रात में एसिड रिफ्लक्स का ऊपर आना
कभी-कभी सुबह उठते ही गले में सूखापन और जलन का कारण पेट का एसिड भी हो सकता है। नींद के दौरान जब पेट का एसिड ईसोफैगस (अन्ननली) से ऊपर उठकर गले तक पहुंच जाता है, तो यह गले की नाजुक परतों को प्रभावित करता है और सुबह गले में जलन, खराश या सूखापन महसूस होता है। छप्भ् की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 प्रतिशत रिफ्लक्स रोगियों में ऐसा होता है, जिसे लेरिंगोफैरिंजियल रिफ्लक्स कहा जाता है। इस स्थिति में हार्टबर्न नहीं होता, लेकिन गला लगातार सूखता और जलता रहता है। लंबे समय तक इसे अनदेखा करने पर गले की जलन बढ़ सकती है और आवाज में भी असर पड़ सकता है।
कम पानी पीना और सूखी हवा
दिनभर पर्याप्त पानी न पीना और रात में एसी या हीटर में सोना गले में सूखापन पैदा कर सकता है। जब शरीर हाइड्रेट नहीं रहता और हवा भी पहले से ही सूखी होती है, तो गले की नाजुक परतें आसानी से सूख जाती हैं। त्मेमंतबीळंजम की एक स्टडी के अनुसार, हल्की डिहाइड्रेशन लार के उत्पादन को कम कर देती है, जिससे गला और अधिक सूखता है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे, तो गले में जलन, खराश और असुविधा महसूस हो सकती है। ऐसे में दिनभर पानी पीने, सोने से पहले हल्का ह्यूमिडिफायर या नमी वाली हवा का इस्तेमाल करने जैसी आदतें मददगार साबित हो सकती हैं।
नींद में खर्राटे और थकान
अगर आप सुबह उठते ही गले में सूखापन महसूस करते हैं और इसके साथ खर्राटे, सांस रुकने जैसे झटके या पर्याप्त नींद लेने के बावजूद लगातार थकान महसूस हो रही है, तो यह स्लीप एप्निया का संकेत हो सकता है। स्लीप एप्निया में नींद के दौरान एयरवे आंशिक या पूरी तरह बंद हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति अनजाने में मुंह से सांस लेने लगता है और गला लगातार सूखता रहता है। लंबे समय तक बिना इलाज के रहने पर यह समस्या सिर्फ गले के सूखापन तक सीमित नहीं रहती, बल्कि दिनभर थकान, ध्यान केंद्रित न कर पाने, सिरदर्द और हार्ट संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकती है।
एलर्जी और पोस्ट-नेजल ड्रिप
रात में गले में सूखापन और जलन का एक आम कारण एलर्जी और पोस्ट-नेजल ड्रिप भी हो सकता है। मौसमी एलर्जी, धूल, परागकण या पालतू जानवरों से एलर्जी की वजह से नाक और साइनस में म्यूकस जमा हो जाता है। यह म्यूकस धीरे-धीरे गले की ओर गिरता है, जिससे सुबह उठते ही गले में जलन, खराश और सूखापन महसूस होता है। कुछ लोगों को यह समस्या सिर्फ हल्की असुविधा के रूप में महसूस होती है, जबकि दूसरों में यह लगातार गले की जलन, खांसी या बदबूदार सांस जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
कुछ दवाइयों का असर
कुछ दवाइयां भी गले के सूखापन का कारण बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, एंटीहिस्टामिन, एंटीडिप्रेसेंट या ब्लड प्रेशर की दवाइयां लार के उत्पादन को कम कर देती हैं, जिससे गला रात भर सूखा रह सकता है। छप्भ् की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों दवाइयां ड्राई माउथ और ड्राई थ्रोट का कारण बन सकती हैं। लंबे समय तक इन दवाइयों का सेवन करने वाले लोग अक्सर सुबह उठते ही गले में जलन, खराश या असुविधा महसूस करते हैं। यदि आप नई दवा लेने के बाद यह समस्या महसूस करें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
क्या करें? आसान उपाय
- नई दवा शुरू करने के बाद गला सूख रहा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
- दिनभर पानी अधिक पिएं और सोने से पहले शुगर-फ्री लॉजेंज इस्तेमाल करें।
- सोने का कमरा नमी वाली हवा वाला रखें।
- कोशिश करें कि नाक से सांस लें।
- सोने से पहले हल्का खाना खाएं।
अगर सूखापन हफ्तों तक बना रहे या बढ़ता जाए, तो यह थायरॉइड या नींद से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

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