समाचार सच, दिल्ली। लोग अकसर अपनी खुशी जाहिर करने के लिए, किसी के सम्मान में, पूजा करते समय और इसी तरह के किसी खुशी के मौके पर ताली बजाते हैं। ताली बजाना स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है। लेकिन कथा वाचक जया किशोरी ने इससे जुड़े और भी फायदों के बारे में बताया है। उनके अनुसार सत्संग या कथा सुनते समय ताली बजाने से भगवान से मिलन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। कथा वाचक जया किशोरी अपने एक प्रसंग में बताती हैं कि ताली बजाने का विशेष महत्व होता है जब आप किसी सत्संग में जाते हैं तो ताली बजाने के लिए बार-बार कहा जाता है। कई लोग ऐसा करने से परेशान हो जाते हैं। लेकिन ऐसे में क्रोधित नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने का महत्व है।
आगे वो कहती हैं कि हम सिर्फ आनंद के लिए ताली बजाने को नहीं कहते बल्कि इसके पीछे बहुत से कारण होते हैं। जब जीव कथा और सत्संग के माध्यम से भगवान से मिलन करने जाता है तब वह किसी भी तरह की बाहरी चीजों से दूर होकर ध्यान से कथा सुन रहा होता है। लेकिन भगवान से उसके इस मिलन के दौरान कई मोह माया रूपी जीव बीच में आ जाते हैं जिससे बचने के लिए ताली बजाने का विशेष महत्व होता है।
ऐसे ही कुछ धनवान व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्हें ताली बजाने में शर्म आती है। उनका अहंकार उन्हें ऐसा करने से रोकता है। तो ताली बजाने से बीच में आने वाले अहंकार का पर्दा हट जाता है। अब दूसरा पर्दा आता है आलस्य का। कई लोगों को कथाओं में नींद बहुत आती है। जो ताली बजाता रहता है उसमें जोश रहता है जिस कारण उसे नींद नहीं आती है। इसलिए ऐसा करने से आलस का पर्दा भी हट जाता है। अब कुछ होते हैं ऐसे जीव जन्तु जो खुद तो कथा सनते नहीं और दूसरों को भी सुनने में बाधा उत्पन्न करते हैं। अगर आप शांत रहोगे तो वो आपसे बात करेंगे लेकिन अगर उत्साह में रहोगे और ताली बजाते रहोगे तो वो आपको परेशान नहीं करेंगे। अगर ये सब चीजें नहीं रहेंगी तो बड़ी ही आसानी से आपका भगवान से मिलन हो जाएगा।
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