समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ तीसरे नंबर का माह होता है। यह चैत्र और वैशाख माह के बाद आता है। इस बार ज्येष्ठ की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 17 मई 2022 से हो गई है। आओ जानते हैं कि इस माह में क्या खाएं और क्या नहीं। इस माह के 10 नियम।


ज्येष्ठ माह में क्या खाएं और क्या नहीं –
- इस माह बेल खाना चाहिए या बेल का रस पीना चाहिए।
- इस माह में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और लस्सी में तुकमरी का उपयोग करना चाहिए।
- इस माह में लहसुन, राईं, गर्मी करने वाली सब्जियां और फल नहीं खाना चाहिए।
- इस माह में बैंगन खाने से दोष लगता है और रोग उत्पन्न होता है। यह संतान के लिए शुभ नहीं होता है।
- इस माह में हरी सब्जियां, सत्तू, जल वाले फलों का उपयोग काफी लाभदायक होता है।
ज्येष्ठ माह के 10 नियम –
- इस माह में जल की पूजा की जाती है। इस माह में जल को लेकर दो त्योहार मनाए जाते हैं, पहला गंगा दशहरा और दूसरा निर्जला एकादशी।
- घाघ ने कहा कि जो व्यक्ति ज्येष्ठ माह में दिन में सोता है वह रोगी होती है।
- ज्येष्ठ के माह में ज्येष्ठ पुत्र या पुत्री का विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है।
- ज्येष्ठ माह में दोपहर में चलना खेलना मना है। इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अतः ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- ज्येष्ठ माह में एक समय भोजन करना वाला निरोगी रहता है और धनवान बन जाता है। महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है- ‘ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।
- इस माह तिल का दान करने से अकाल मृत्यु से जातक बचा रहता है। इस माह में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
- ज्येष्ठ माह में हनुमानजी की प्रभु श्रीराम से मुलाकात हुई थी। इसीलिए इस माह में हनुमानजी की पूजा करने से लाभ मिलता है।
- इस माह का स्वामी मंगल है। इसीलिए इस माह में मंगल का दान करना चाहिए और मंगलवार का व्रत रखना चाहिए।
- ज्येष्ठ माह में जल संवरक्षण का कार्य करने के महत्व है।
- इस माह वरुण और सूर्य देव की पूजा करने का भी महत्व है। वरुण जल के तो सूर्यदेव अग्नि के देवता है।

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