समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। काम करते वक्त अक्सर चिड़चिड़े होने लगे, तनाव से कामकाज को लेकर रोजाना की जिंदगी पर भी हावी होता जा रहा है। बेचैनी बने रहना, वजन बढ़ना या अचानक घट जाना सरीखी बीमारियों का इलाज आप इस लाक डाऊन में कर सकते हैं। मेडिकल जर्नल नेचर ह्युमन बिहेवियर में प्रकाशित यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया के शोध में ये बात सामने आई है। शोध के मुताबिक अच्छी और चिंतामुक्त गहरी नींद आप को सिर्फ फ्रेश ही नहीं करती कई सारी बीमारियों से भी बचा सकती है।
30 प्रतिशत बढ़ सकता है चिंता और तनाव का स्तर – दिन में जरुरी नींद नहीं ले पाने, दिन में नींद आने से आफिस की कार्यक्षमता पर फर्क पड़ता है। हर वक्त बेचौनी बनी रहती है। नींद की कमीं से याद्दाश्त भी प्रभावित होती है। अगर आपको लगता है कि आप को ऐसी दिक्कतें सामने आती जा रही हैं तो इस लाक डाऊन के तीन हफ्तों के वक्त का इस्तेमाल अपनी इन दिक्कतों को दूर करने में कर सकते हैं।
नींद कैसे पूरी करें, वर्क फ्राम होम तो है ना…अगर आप वर्क फ्राम होम कर रहे हैं और आपको लगता है कि अभी भी आपको नींद पूरी करने का वक्त कैसे मिलेगा तो याद रखिए आप बेशक काम कर करहे हैं मगर रोजाना ट्रैफिक में लगने वाला वक्त और परेशानी तो दूर हो ही चुकी है। 8 घंटे के बाद बचे हुए वक्त में अपनी भरपूर नींद को पूरा करने के लिए वक्त निकालें।
गहरी नींद से दूर भागती है चिंताएं, दूर होती हैं तनाव की बीमारियां – सिर्फ गहरी और चिंतामुक्त नींद ही तनाव की ज्यादातर बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया में न्यूरोसाइंस और साइकोलाजी के प्रोफेसर मैथ्यू वाकर इसे अपने प्रयोग से सिद्ध करने का दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि नॉन रैम स्लीप में हल्की नींद और शरीर को आराम दिया जाता है। नॉन रैम के तीसरे स्टेप में जाकर गहरी नींद ली जाती है और उठने पर तरोताजा महसूस होता है। रैम नींद के बाद नॉन रैम स्लीप ली जाती है। ये जागने से पहले की नींद होती है। इसी नींद में ..लोगों को सपने दिखाई देते हैं।
नींद पूरी नहीं होने पर निष्क्रिय हो सकता है दिमाग का एक हिस्सा – रैम और नॉन रैम नींद के दौरान लोगों के दिमाग का स्कैन किया गया। एमआरआई और पालीसोम्नोग्राफी से स्कैन में पता लगाया गया है कि रात भर सही तरह से नींद नहीं लेने से दिमाग का मेडायल प्रीफ्रंटल कार्टेक्स काम करना बंद कर चुका है। दिमाग का ये हिस्सा ही चिंता और तनाव से लड़ता है। मेडायल प्रीफ्रंटल कार्टेक्स के काम करना बंद करने से दूसरे हिस्सों पर असर पड़ता है और उन्हें कई तरह के बदलावों को बर्दाश्त करना पड़ता है।
भरपूर नींद से ठीक हो सकती हैं कई सारी दिक्कतें –मगर खुशखबरी ये है कि भरपूर नींद लेने से प्रीफ्रंटल मेकनिज्म वापस ठीक हो जाता है। बर्कले यूनवर्सिटी के सेंटर फार ह्यूमन स्लीप साइंस विभाग में पोस्ट डाक्टरल फैलो और अध्ययन के प्रमुख लेखक ईबी साइमन मानते हैं कि इसके दोबारा सक्रिय होने से चिंता बढ़नी रुक जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं नींद नहीं लेने से मरीज को दिल का दौरा, स्ट्रोक के अलावा दिल के बाकी बीमारियों का खतरा भी बड़ जाता है। यहां तक कि 18 से 34 की आयु के लोगों में भी ये दिक्कतें सामने आ जाती हैं। यदि कुछ लोगों को नींद नहीं आ रही तो उनके लिए व्यायाम के अलावा वज्रासन, भ्रामरी प्राणायाम से फायदा हो सकता है।
कमरे के सही टैंप्रेचर से आएगी गहरी नींद – हालांकि आप अब सारा दिन घर पर ही हैं मगर अच्छी नींद सोने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। कमरे का तापमान नींद को प्रभावित करता है। ज्यादा गर्मी या ज्यादा ठंड होने पर ठीक से नींद नहीं आती। रूम हीटर या कूलर आदि से कमरे के तापमान को नियंत्रण में रखना चाहिए। याद रखिए इन दिनों कोरोना के खतरे के कारण एसी का इस्तेमाल नहीं करना है। इस बारे में डाक्टर कई बार सलाह दे चुके हैं।

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