मातृसदन ने कराया सीएम, एसडीएम और सीएमओ समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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समाचार सच, देहरादून। गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए अनशनरत साध्वी पद्मावती को जबरन उठाए जाने पर परमा अध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और मातृसदन ने सीएम, एसडीएम और सीएमओ समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।

गौरतलब है कि गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए अनशन कर रही मातृसदन की साध्वी पद्मावती को देर रात जिला प्रशासन ने अनशनस्थल से उठवा दिया। साध्वी को दून अस्पताल भेजा गया। इस दौरान, साध्वी ने जबरन उठाने का विरोध किया और कहा कि शासन-प्रशासन सब मिले हुए हैं और वह इंसाफ नहीं करना चाहते। जीते जी तो मुझे इंसाफ नहीं मिल सका, लेकिन भारतवासियों मुझे मरने के बाद न्याय दिलाना। साध्वी पद्मावती पिछले 15 दिसंबर से मातृसदन आश्रम में अनशन पर बैठी हुई थी। इतने दिनों से अनशन के कारण साध्वी की हालत बिगड़ने लगी थी। साध्वी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित प्रशासनिक अधिकारी और सीएमओ देर शाम चिकित्सकों की टीम को लेकर दोबारा आश्रम पहुंचे, जहां परीक्षण में साध्वी के स्वास्थ्य में गिरावट पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती से किया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उनका कहना था कि जो भी इलाज हो, वह मातृसदन में ही किया जाएगा। साध्वी को भी नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने अनशन तोड़ने से मना कर दिया। साध्वी पद्मावती को उठाने के साथ ही मातृ सदन आश्रम के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने अपना अनशन शुरू कर दिया है।

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यहां शुक्रवार को आश्रम में पत्रकार वार्ता में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि बीती रात में साध्वी पद्मावती को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया जाना, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघन करना है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि रात्रि के समय किसी भी महिला को पुलिस हिरासत में नहीं लिया जा सकता है, लेकिन प्रशासन और शासन ने आदेशों का उल्लंघन कर जबरन साध्वी को उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया है। इससे मातृ सदन की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एसडीएम कुसुम चौहान, सीएमओ डॉ सरोज नैथानी, लक्सर की तहसीलदार सुनैना राणा तथा कनखल थानाध्यक्ष विकास भारद्वाज व वह चौकी इंचार्ज लखन सिंह के खिलाफ हरिद्वार की सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया है।

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शिवानंद ने बताया कि इसकी सुनवाई 14 फरवरी को होगी। यह वाद हरिद्वार की सीजीएम कोर्ट में अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से दायर करने के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को हाईकोर्ट में भी वाद दायर कर दिया जाएगा। जिसमें कुछ अलग बिंदुओं को लेकर वाद दायर किया जाएगा। उनका कहना था कि उन्होंने देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी से हुई वार्ता में स्पष्ट कह दिया है कि साध्वी को अगर कोई भी उपचार दिया जाए तो वह मातृसदन आश्रम में लाकर ही दिया जाए।

उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से साध्वी को जबरन उठाया गया है। जिससे उन्हें जबरन कुछ खिला-पिला कर अनशन समाप्त करा दिया जाएगा। वह पहले ही घोषणा कर चुके थे कि साध्वी को उठाने पर वह अपना अनशन शुरू कर देंगे। जिससे उन्होंने अभी से गंगा रक्षा के लिए अपना अनशन शुरू कर दिया है। आत्मबोधानंद पहले भी 194 दिन का अनशन कर चुके हैं।

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