समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आजकल की डिजिटल लाइफस्टाइल में सोने से पहले मोबाइल फोन का इस्तेमाल एक आम आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत आपकी नींद ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है?


ब्लू लाइट का दुष्प्रभाव
फोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे डिवाइसेज से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन नामक हार्माेन के उत्पादन को प्रभावित करती है, जो नींद लाने के लिए ज़रूरी होता है। इससे नींद की गुणवत्ता घटती है और इंसान देर रात तक जागता रहता है।
नींद की कमी के गंभीर परिणाम
लगातार नींद की कमी से चिड़चिड़ापन, थकान, एकाग्रता में कमी और यहां तक कि अवसाद (डिप्रेशन) तक की शिकायतें हो सकती हैं। साथ ही इससे हार्ट की बीमारियों, डायबिटीज़ और मोटापे का खतरा भी बढ़ता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
रात को फोन स्क्रॉल करते-करते लोग अनजाने में सोशल मीडिया, न्यूज या वीडियो की दुनिया में खो जाते हैं, जिससे डूम स्क्रॉलिंग या फोमो (थ्व्डव्) जैसी मानसिक स्थितियां विकसित हो सकती हैं। ये मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ावा देती हैं।
क्या करें?
- सोने से कम से कम 30 मिनट पहले मोबाइल का उपयोग बंद करें
- डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं दृ कुछ घंटे के लिए सभी डिवाइसेज से दूरी बनाएं
- किताब पढ़ें, संगीत सुनें या ध्यान (मेडिटेशन) करें
- बेडरूम में फोन चार्ज न करें, ताकि रात में ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचा जा सके
- आपकी नींद की गुणवत्ता ही आपके दिन की ऊर्जा तय करती है। इसलिए अगर आप बेहतर नींद और अच्छी सेहत चाहते हैं, तो आज से ही इस आदत पर लगाम लगाएं।




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