समाचार सच. स्वास्थ्य डेस्क। मेटाबॉलिज्म यह प्रोसेत है, जिसके तहत शरीर ग्रहण किए गए भोजन को ऊर्जा में बदलता है। तो जिसका मेटाबॉलिज्म तेज होगा, वह भोजन को ज्यादा बेहतर ढंग से पचा पाएगा और जिसका धीमा होगा, उसके पाचन की कैपेसिटी उतनी ही कम होगी। इसका असर वेट लॉस पर भी पड़ता है। फास्ट मेटाबॉल्जिम वाले लोगों का वजन कंट्रोल में रहता है, जबकि स्लो मेटाबॉल्जिम वाले लोगों को अक्स मोटापे की समस्या रहती है। यहां जानते है कि कौन-कौन से फूड मेटाबॉल्जिम की रफ्तार बढ़ा सकते हैं।
आंवला जूस – आंवला शरीर के टॉकिसन्स को बाहर निकालने और इस तरह डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। रोजाना एक गिलास पानी में तीन चम्मच आंवलें का रस मिलाकर पिएं। इससे शरीर के मेटबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलेगी और वजन भी नियन्त्रित किया जा सकेगा।
ग्रीन टी – इसमें कैटेचिन्स नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। कैटेचिन्स हमारे शरीर के मेटाबॉल्जिम को बढ़ाने में मददगार होते हैं। जो लोग नियमित तौर पर ग्रीन टी पीते हैं, उनके मेटाबॉलिज्म की रफ्तार भी तेज हेाती है। मेटाबॉलिज्म फास्ट होने से वे चुस्त-दुरूस्त भी ज्यादा होते हैं।
चिली फ्लैक्स: चिली फ्लैक्स (बीज सहित लाल मिर्च) में पाया जाने वाला कैप्सेसिन नामक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है इसलिए बाजार में पिसी हुई मिर्च के बजाय चिली फ्लैक्स का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर है।
काली मिर्च – इसमें पिंपराइन नामक कम्पाउंड होता है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार हेाता है। सादे दही में चुटकी भर काली मिर्च के पाउडर का नियमित तौर पर सेवन करें। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में फायदेमंद हेाता है। इसी तरह फ्राइड राइस या बेजिटेबल सूप में भी काली मिर्च का पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
त्रिफला – यह तीन औषधियों आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण हेाता है। ये तीनों ही शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर मेटाबॉल्जिम को बढ़ाने में मददगार होती है। हालांकि त्रिफला का सेवन कब, कैसे और कितना करना चाहिए इसके लिए किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
प्रोटीन: डाइट में जितना अधिक प्रोटीन शामिल रहेगा, मेटाबॉलिज्म की रफ्तार भी उतने ही अधिक रहेगी। यानी वजन घटाने के लक्ष्य को भी उतनी ही आसानी से पाना संभव होगा। ऐसा इसीलिए क्योंकि कर्बोहाइड्रेट की तुलना में प्रोटीन को ब्रेक करने में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
तुलसी – इसका नियमित सेवन करने से भी शरीर के मेटाबॉल्जिम की रफ्तार को तेज कर अपने वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है। एक कप चाय में तुलसी के चार से पांच पत्तों को पीसकर या क्रश करके मिला दीजिए। दिन में दो बार इस चाय का सेवन करना पर्याप्त रहेगा।
ब्राह्मी: यह आयुर्वेदिक औषधि शरीर में क्रियाशील तमाम हार्मोन्स को बैलेंस कर हमारे मेटाबॉल्जिम को बढ़ाकर वेट लॉस में मदद करता है। हालांकि इनका सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करना है, इसके लिए किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह ले लेनी चाहिए।

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