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MLA Sumit Hridayesh: समाचार सच, हल्द्वानी। उत्तराखंड कांग्रेस में युवा नेताओं की भले ही भरमार हो लेकिन अपनी कार्यक्षमता व जुझारूपन के कारण कुछ नेताओं ने अपनी विशेष पहचान बना ली है। इसमें हल्द्वानी के विधायक व कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश का नाम प्रमुख है। उनकी कार्यक्षमता का लोहा उनके दल के ही नहीं वरन विपक्षी नेता भी मानते हैं। इधर हाल ही में हल्द्वानी में संपन्न कांग्रेस की रैली की सफलता के पीछे सुमित का योगदान किसी से छिपा नहीं है। इससे उनके सियासी कद में इजाफा हुआ है।
विदित हो कि सियासत की बारीकियां सुमित हृदयेेश ने अपनी मां व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. इन्दिरा हृदयेश से सीखी हैं।सियासती जानकारों का मानना है कि इन्दिरा हृदयेश के राजनीतिक योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उत्तराखंड बनने के बाद डा. इन्दिरा हृदयेश 2002, 2012 व 2017 में हल्द्वानी से कांग्रेस की विधायक चुनी जा चुकी हैं। वे पहली विधानसभा और तीसरी विधानसभा में कैबिनेट मंत्री रही। वे यूपी के दौरान विधानपरिषद की सदस्य रह चुकी हैं। इधर उनके पुत्र सुमित हृदयेश ने भी सियासत की एबीसीडी अपनी मां डा. इन्दिरा से ही सीखी। उन्होंने उनसे जो अनुभव लिया, अब वह उनके सियासत के लिए मदद्गार साबित हो रही है।
सुमित हृदयेश ने उत्तराखंड बनने के बाद सियासी परिदृश्य को नजदीक से देखा। घर में सियासी माहौल को देखते हुए उनमें भी सियासती गुण आने लगे। उनकी सियासी सफर की शुरूआत उत्तराखंड मंडी परिषद के अध्यक्ष से शुरू हुई। मंडी परिषद के अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने किसानों की उपज को मंडी तक सुगम रूप से पहुंचाने के अलावा किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कार्य किया। साथ ही पहाड़ के दूर दराज के किसानों की उपज को सड़क तक पहुंचाने के लिए गांवों में सड़क मार्ग आदि बनाने में भी योगदान दिया। इधर सुमित हृदयेश ने हल्द्वानी नगर निगम सीट से मेयर का चुनाव भी लड़ा, हालाकि सफलता उनके हाथ नहीं लगी। इधर सुमित हृदयेश ने अपनी चुनावी तैयारी जारी रखी 2022 में हल्द्वानी विधानसभा सीट से उनको चुनाव जीतने में सफलता हासिल हुई।
सुमित हृदयेश ने विधायक बनने के बाद हल्द्वानी विधानसभा सीट पर विशेष फोकस किया। विशेषकर हल्द्वानी में रोडवेज और अन्तर्राेष्ट्रीय स्टेडियम को लेकर लगातार संघर्षरत रहे। रोडवेज स्टेशन का मामला अभी उलझा ही है और अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम उनके मां और पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. इन्दिरा हृदयेश का विशेष योगदान रहा। 2022 के बाद उत्तराखंड विधानसभा से लेकर विभिन्न मंचों से हल्द्वानी की समस्याओं पर वे आवाज उठाते आये हैं। चाहे सुशीला तिवारी अस्पताल में डाक्टरों के रिक्त पदों का मामला हो, ट्रंचिंग ग्राउंड का मामला हो या अन्य मामलों पर सुमित हृदयेश हुंकार भरते आये हैं। वर्तमान में भी वे हल्द्वानी की विभिन्न समस्याओं को वे प्राथमिकता से निपटा रहे हैं।
निकाय चुनावों में होगी सुमित की परीक्षा
नगर निकाय चुनाव विशेषकर हल्द्वानी में नगर निगम के मेयर पद पर चुनावों के दौरान विधायक सुमित हृदयेश की सियासी परीक्षा होनी तय है। उनकी मां डा. इन्दिरा हृदयेश के निधन के बाद उनकी जिम्मेदारियों में और इजाफा हो गया है। विदित हो कि हल्द्वानी में 2018 के मेयर के चुनावों में सुमित भी अपना भाग्य आजमा चुके हैं।
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