भारतीय समाजसेवी थे नानाजी देशमुख

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समाचार सच, दिल्ली/देहरादून। नानाजी देशमुख एक भारतीय समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। १९७७ में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी-मन्त्रिमण्डल में शामिल किया गया परन्तु उन्होंने यह कहकर कि ६० वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मन्त्री-पद ठुकरा दिया। उनका जन्मरू 11 अक्तूबर 1916, परभणी जिला व मृत्युरू 27 फ़रवरी 2010, सतना में हुई थी। १९४० में, डॉ॰ हेडगेवार जी के निधन के बाद नानाजी ने कई युवकों को महाराष्ट्र की आर.एस.एस. शाखाओं में शामिल होने के लिये प्रेरित कीया। नानाजी उन लोगों में थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा में अर्पित करने के लिये आर.एस.एस. को दे दिया। वे प्रचारक के रूप में उत्तरप्रदेश भेजे गये। उन्होंने पहले सरस्वती शिशुमन्दिर की स्थापनागोरखपुर में की। १९४७ में आर.एस.एस. ने राष्ट्रधर्म और पाञ्चजन्य नामक दो साप्ताहिक और स्वदेश समाचारपत्र निकालने का फैसला किया। अटल बिहारी वाजपेयी को सम्पादन, दीन दयाल उपाध्याय को मार्गदर्शन और नानाजी को प्रबन्ध निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गयी। वर्ष २०१९ में नानाजी को सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया जबकि वर्ष १९९९ में नानाजी देशमुख को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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