समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सूर्य देव को हिंदू धर्म के पंचदेवों में से एक माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उसके घर परिवार में सुख और शान्ति का वास रहता है। वैसे तो सूर्यदेव की पूजा हर रोज़ करना शुभ माना गया है, किंतु रविवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं इस दिन अगर सूर्यदेव को जल अर्पित करने के साथ साथ पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाए तो उपासक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं उसके सभी रोग दूर हो जाते हैं। साथ ही रविवार के दिन सही नियम से सूर्यदेव को जल चढ़ाने से कुंडली के सारे दोष समाप्त हो जाते हैं।
आइए जानते हैं सूर्यदेव की पूजा से मिलने वाले लाभ और उनकी पूजा का सही तरीका क्या है।
सूर्य देव की पूजा से होते हैं यह लाभ
- सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन करने से व्यक्ति निडर बनता है और उसे किसी भी चीज़ का भय नहीं रहता।
- सूर्य देव के आशीर्वाद से शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है।
- सभी रोगों का नाश होता है और मनुष्य शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों से स्वस्थ रहता है।
- जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
- सूर्य देव की पूजा करने से अच्छे आचरण की प्राप्ति होती है, साथ ही मनुष्य की वाणी भी मधुर हो जाती है।
- अहंकार, द्वेष, छल, कपट, लोभ, क्रोध आदि जैसे बुरे विचार मन में नहीं आते हैं।
- सूर्य देव सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- सूर्य देव की कृपा से मनुष्य की बुद्धि का भी विकास होता है।
- घर में कलह क्लेश नहीं होता हैं।
- संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देना लाभदायक होता है।
सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय रखें इन बातों का ध्यान
- सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल देना चाहिए।
- जल चढ़ाते वक़्त दोनों हाथों से पात्र को पकड़ें।
- केवल जल ना चढ़ाएं उसमे पुष्प और अक्षत अवश्य डाल दें।
- जल चढ़ाते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल आपके पैरों पर तो नहीं गिर रहा है।
- अगर कभी आपको सुबह सूर्यदेव दिखाई न पड़ें, ख़ासतौर पर जाड़े के समय तो आप पूर्व दिशा की ओर अपना मुख करके जल अर्पित कर सकते हैं।
- जल चढ़ाते समय पूरी श्रद्धा से और सही तरीके से गायत्री मंत्र या फिर सूर्य मंत्र का जाप करें।
- रविवार के दिन तेल और नमक खाने से परहेज़ करें और केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करें।
- नवग्रह मंदिर में सूर्यदेव को लाल चंदन का लेप, कुकुंम, चमेली और कनेर के फूल अर्पित करें।
- आदित्य हृदय का नियमित पाठ करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।
- ‘नेत्रोपनिषद्’ का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
- अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य अशुभ प्रभाव दे रहा होता है तो कुछ उपाय करके उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है, ख़ासतौर पर रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। नवग्रहों में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन सूर्यदेव की ख़ास पूजा और व्रत करना चाहिए। इस दिन व्रत करने से न सिर्फ सूर्यदेव प्रसन्न होकर सब दुःख दूर करते हैं बल्कि उपासक को अच्छा स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं।
- अगर आप सूर्य से पीड़ित जातक हैं तो मुलहठी, केसर, इलाइची, खस और लाल रंग का पुष्प जल में मिलाकर स्नान करें, इससे आपको लाभ मिलेगा। इसके अलावा यदि सूर्यदेव के गोचर के कारण अशुभ फल की प्राप्ति हो रही है तो सूर्यदेव के लिए हवन करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
- सूर्यदेव की पूजा में दान को भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, वैसे तो आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी हैं जिनका दान करने से सूर्यदेव की कृपा से आपको विशेष लाभ मिल सकता है जैसे तांबे का बर्तन, पीले व लाल वस्त्र, गेंहू, गुड़, मोती, लाल चंदन आदि।
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