अंकिता भंडारी केस में वीआईपी नाम सामने आने पर सियासी घमासान, कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

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समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कथित वीआईपी के नाम को लेकर हुए नए खुलासों के बाद प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी उर्मिला द्वारा सोशल मीडिया पर वीआईपी का नाम उजागर किए जाने के बाद कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग तेज कर दी है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने की मांग उठाई। वहीं देहरादून में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।

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ज्योति रौतेला ने कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक की पत्नी द्वारा वीआईपी का नाम उजागर करना और भाजपा की पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ द्वारा वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई से जुड़े बयान यह संकेत देते हैं कि इस पूरे मामले में भाजपा का राज्य नेतृत्व ही नहीं, बल्कि शीर्ष नेतृत्व भी संदेह के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के इशारे पर कार्रवाई कर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया गया।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस वीआईपी के नाम को उजागर करने में नाकाम रही और जानबूझकर मामले को उलझाने के लिए ‘वीआईपी रूम’ जैसी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया। अब भाजपा नेताओं और पूर्व जनप्रतिनिधियों के बयानों से साफ हो रहा है कि जांच को प्रभावित किया गया।

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ज्योति रौतेला ने सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि अंकिता भंडारी के व्हाट्सएप चौट में जिस वीआईपी का जिक्र था, वह गेस्ट हाउस में आने वाले व्यक्ति से जुड़ा था या किसी विशेष कमरे से। उन्होंने मांग की कि भाजपा के पूर्व विधायक की पत्नी द्वारा बताए गए नाम के पीछे कौन है, इसका खुलासा जनता के सामने किया जाए।
कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कहा कि जब तक पूरे मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच नहीं होती, तब तक वे सरकार और पुलिस पर सवाल उठाते रहेंगे।

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