समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। वास्तु शास्त्र में कनेर के पौधे को बहुत शुभ माना जाता है। इस पौधे को उचित नक्षत्र और वार को घर के आंगन में लगाना चाहिए। उचित दिशा में लगाने से घर में धन समृद्धि बनी रहती है और आमदानी बढ़ती जाती है। आओ जानते हैं इस पौधे के बारे में 10 खास बातें।


- कनेर की तीन तरह की प्रजातियां होती है। एक सफेद कनेर, दूसरी लाल कनेर और तीसरी पीले कनेर।
- कनेर के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं। सफेद फूलों वाले कनेर का पेड़ मां लक्ष्मी को प्रिय है।
- कनेर के पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय होते हैं। पीले फूलों वाले कनेर के पेड़ पर साक्षात विष्णु भगवान बसते हैं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करके शुभकर्ता माना गया है।
- कहते हैं कि जिस तरह कनेर का पेड़ पूरे साल फूलों से भरा रहता है उसी प्रकार इसे घर में लगाए जाने से पूरे साल घर में धन का आगमन रहता है।
- कनेर का पौधा मन को शांत रखता है और वातावरण में सकारात्मकता लाता है।
- सफेद कनेर के फूलों को मां लक्ष्मीजी की पूजा में रखा जाए तो माता प्रसन्न होकर जातक के घर ठहर जाती है।
- कनेर के पीले फूलों से भगवान श्रीहरि की पूजा करने पर पारिवारिक खुशहाली आती है, धन संपत्ति बढ़ती है और मांगलिक काम में रुकावटें नहीं आती है।
- कनेर की पत्तियां, फूल और छाल के कई औषधीय गुण होते हैं। इसके प्रयोग से घाव भरे जाते हैं, सिरदर्द, दंतपीड़ा और फोड़े-फुंसियों में भी यह बहुत फायदेमंद है।
- कनेर का पौधा गार्डन की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी लगाया जाता है। ध्यान रखें कि इस पौधे को कभी घर में नहीं लगाया जाता है।

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