समाचार सच, हल्द्वानी। महानगर हल्द्वानी तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो को विजिलेंस की टीम ने तहसील में दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इस दौरान विजिलेंस की टीम ने तहसील परिसर में ही कई घंटे तक आरोपित से पूछताछ की। एक व्यक्ति ने दाखिल खारिज करने के एवज में कानूनगो पर दस हजार रूपए की शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की टीम ने अपना जाल बिछा दिया और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा हैं। विजिलेंस की इस कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया।
आपकों बता दें कि महानगर के निवासी जफर खान नामक व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को शिकायत की थी कि तहसील हल्द्वानी में कार्यरत रजिस्ट्रार कानूनगो बनवारी लाल दाखिल खारिज के नाम पर उससे 10 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। शिकायत मिलते ही विजिलेंस की टीम ने अपना जाल बिछा दिया। जब जफर शुक्रवार की सुबह रिजस्ट्रार कानूनगो को रिश्वत की रकम देने पहुंचा तो विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा। कानूनगो के रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी से पूछताछ के बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया।
इधर सीओ विजिलेंस अनिल सिंह मनराल ने बताया कि रजिस्ट्रार कानूनगो बनवारी लाल शिकायतकर्ता से जमीन की रजिस्ट्री के एवज में 15000 रुपये की डिमांड की थी जिसके बाद पीड़ित ने 5000 रुपये रिश्वत के तौर पर पहले दे चुका था। लेकिन रजिस्ट्रार कानूनगो द्वारा 10 हजार और रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसके बाद पीड़ित द्वारा 3 अगस्त को कुमाऊं विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वहीं, विजिलेंस ने पूरे मामले में ट्रेप करते हुए रजिस्टार कानूनगो को उसके कार्यालय में 10 हजार रुपए रिश्वत करते हुए गिरफ्तार किया है।
कई रिश्वतखोर पहुंच चुके हैं सलाखों के पीछे
जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रिश्वतखोर जनता से काम कराने के एवज में अपना ईमान तक बेचने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। उत्तराखंड में अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसने सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर कर दिया है। बीते दिनों 23 जुलाई को ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज में विजिलेंस हल्द्वानी की टीम ने सितारगंज तहसील से कानूनगो को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। हल्द्वानी विजिलेंस टीम ने ही बीते जून में रामनगर में वन विभाग के बाबू को घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था। जुलाई 2017 में एक पटवारी को 4 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। वहीं गदरपुर में जुलाई 2018 में हाईवे विस्तारीकरण के नाम पर 10 हजार की रिश्वत लेता पटवारी सलाखों के पीछे पहुंच गया था। वहीं पिछले में सितारगंज में भी एक पटवारी ने 4 हजार में अपना ईमान बेच खाया था। जबकि हरिद्वार में भी एक पटवारी को अपना ईमान बेचने पर जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा जबकि दूसरे को अपनी नौकरी से।
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