रिजर्व बैंक ने ऋणधाराकों को दी राहत, तीन माह तक नहीं देनी होगी लोन की किस्तें, पढ़े पूरी खबर…

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने कि ब्याज दरें 0.75 फीसदी घटाने की घोषणा

समाचार सच, नई दिल्ली। देश आयी महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणधाराकों को एक बड़ी राहत देने की घोषणा की। जिसमें टर्म लोन की ईएमआई यानी मासिक किस्तों को चुकाने में तीन महीने की छूट दी है। इसका अर्थ यह हुआ कि मार्च, अप्रैल और मई में होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और कॉरपोरेट लोन समेत तमाम तरह के टर्म लोन की किस्तें कर्जधारकों को नहीं चुकानी पढ़ेगी। जून से ही आपको लोन की किस्तें चुकानी होंगी। हालांकि यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन की किस्तें सिर्फ स्थगित की गई हैं, इससे लोन की राशि या किस्तों की अदायगी में कोई अंतर नहीं होगा बाकी सभी शर्तें सामान्य रहेंगी। मान लीजिए कि किसी कर्जधारक का लोन इस महीने के दिसंबर में समाप्त होना था तो फिर तीन महीने की किस्तें स्थगित होने के चलते अब वह लोन मार्च, 2021 में समाप्त होगा।

ज्ञात हो कि कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था खराब होने की ओर अग्रसर हो रही है। जनता को राहत दिये जाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारें घोषणायें करने में लगी है। इस तरहे अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने राहत देते हुए ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा करते हुए आरबीआई ने रेपो रेट 0.75 फीसदी घटाकर 4.40 फीसदी कर दी है। इस फैसले से बैंकों के साथ-सााथ आम आदमी को भी एक बड़ी राहत मिलेगी। जिससे शीघ्र ही बैंक अपने ग्राहकों की ईएमआई कम करने को लेकर फैसले ले सकते है।

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आरबीआई द्वारा की घोषणा के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गया है। रेपो रेट की यह घोषणा आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है। इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है। रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों को मिलेगा।

प्रेस कॉन्फरेंस को संबोधित करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा फोकस फाइनेंशियल स्थिरता पर है। उन्होंने कहा कि दूसरी छमाही में 4.4 फीसदी ग्रोथ हासिल करना चुनौतीपूर्ण है। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की वजह से मांग में काफी कमी आई है। कोरोना से ग्रोथ, महंगाई में काफी बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय जैसी अस्थिरता कभी नहीं देखी गई।

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बता दें कि पिछले समीक्षा बैठक में दरों में किसी भी तरह के बदलाव न करने का फैसला किया गया था। इसके पहले भी आरबीआई 5 बार दरों में कटौती कर चुकी है। सीआरआर में कटौती से बैंकों को 1.37 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। सीआरआर में कटौती 1 साल के लिए लागू होगी। मार्जिन स्टेंडिंग फैसिलिटी कैप 2 फीसदी से बढ़कर 3 फीसदी की गई है। बैंक, एनबीएफसीएस को सभी टर्म लोन पर 3 महीने का अस्थाई प्रतिबंध लगा है। इसके साथ ही नेट फंडिंग रेश्यो नियम को 6 महीने के लिए टाला जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सिस्टम में पिछले एमपीसी से अबतक 2.8 लाख करोड़ रुपये डाले गए हैं। भारतीय बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है। बैंकों ग्राहकों को चिंतित होने की जरुरत नहीं है। सुरक्षित रहिए और डिजिटल को बढ़ावा दीजिए।

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