सावन 2022: सावन (श्रावण मास) 14 जुलाई से 12 अगस्त तक, जानें इस माह में क्या करें और क्या नहीं

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सावन ( श्रावण मास ) का पहला सोमवार इस बार 14 जुलाई से शुरू है और पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस बार सावन का हर सोमवार बेहद खास है। मनोकामना पूर्ति के लिए इस बार सावन का हर सोमवार अत्यधिक महत्व का माना जा रहा है। माना जाता है कि सावन में शिव कैलाश त्यागकर भूलोक पर निवास करते हैं।

सावन सोमवार की विधि और फायदे –
इसलिए सावन में भगवान शिव की आराधना सर्वाेपरि है। इतना ही नहीं शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन का हर दिन विशेष महत्व का होता है।

सावन मास: यह करें

  1. धतूरा और भांग भगवान शिव को अर्पित करें।
  2. मिट्टी से शिवलिंग बनाकर नियमित इसकी पूजा करें।
  3. दूध दान करें।
  4. शाम के समय भगवान शिव की आरती पूजा करें।
  5. इस महीने में अगर घर के दरवाजे पर सांड आ आए, तो उसे कुछ खाने को दें।

सावन के महीने में क्या खाएं…

  • सावन के इन महीने में लौकी, तुरई और टमाटर जैसी जल्दी पचने वाली और बैल पर उगने वाली सब्जियां ही खानी चाहिए।
  • आयुर्वेद के मुताबिक सावन के महीने में सेब, केला, अनार,नाशपाती, जामुन और आम जैसे मौसमी फल खाना चाहिए।
  • सावन में पुराना चावल, गेहू, मक्का, सरसों, मूंग और अरहर की दाल जैसे अनाज खाने चाहिए।
  • आयुर्वेद के मुताबिक इस मौसम में हरड़ खाने से पेट की सारी बीमारियों से बचाव होता हैं
  • इस मौसम में गर्म और ताज़ा फूड, हॉट ड्रिंक्स ज्यादा लेना चाहिए।
  • सावन के महीने में ज़्यादा तला भूना खाना नहीं खाना चाहिए।

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सावन मास: यह न करें

  1. शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए
  2. कांसे के बर्तन में नहीं खाना चाहिए।
  3. पूजा के समय में शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं।
  4. सावन के महीने में दूध का सेवन अच्छा नहीं होता है।
  5. सावन के महीने में दघ्नि के समय नहीं सोना चाहिए।
  6. सावन के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध माना गया है।
  7. भगवान शिव को केतकी का फूल भूल कर भी न चढ़ाएं।
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सावन के महीने में क्या ना खाएं…

  • सावन में दही नहीं खाएं।
  • ये तो हर कोई जानता है कि सावन में हरे रंग का बहुत ही महत्व होता है। परन्तु सावन में हरे पत्तेदार सब्जियां खाने को मना किया गया है।
  • सावन के महीने में कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए।
  • सावन के इस पावन महीने में कढ़ी नहीं खानी चाहिए।
  • सावन में मांस मछली खाने से बचना चाहिए, इसी तरह से लहसुन और प्याज़ के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।

सावन में इन सबसे प्रभावशाली मंत्रों का जाप जरूर करें…
सावन माह शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस महीने शिव भगवान की अराधना करने से वे जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

इन दिनों बड़े-बड़े अनुष्ठान किए जाते हैं। वहीं सावन के महीने में आने वाले सावन सोमवार का भी विशेष महत्व होता है। खासकर सावन सोमवार वाले दिन लोग भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। पूजा के दौरान कई मंत्रों का जाप भी किया जाता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं शिव के वो प्रभावशाली मंत्र, जिनका जाप करके आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं

शिवा मंत्र:
शिव जी का मूल मंत्र – ऊँ नमः शिवाय।।

अर्थात रू ‘हे शिव, मैं आपको बार बार नमन करता हूँ’। इस मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की समस्या से छुटकारा मिलता है। शिवमहापुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि इस मंत्र की महिमा का विस्तार 100 करोड़ सालों में भी नहीं किया जा सकता है।

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महामृत्युंजय मंत्र – ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

अर्थात – हम तीन नेत्र वाले शिव से प्रार्थना करते हैं कि जिस प्रकार एक ककड़ी पक जाने के बाद बेल से अपने आप ही अलग हो जाती है। उसी प्रकार मानव रूपी जीवन से हमें मुक्त करके आप हमें मोक्ष प्रदान करें। इस मंत्र का जो व्यक्ति नित्य रूप से जाप करता है वह मृत्यु पर विजय पा लेता है। इस मंत्र को वैदिक मंत्रों में सबसे सर्वाेच्च माना जाता है।

  1. महामृत्युंजय गायत्री मंत्र – ऊँ हौं जूं सः ऊँ भूर्भुवः स्वः ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ स्वः भुवः ऊँ सः जूं हौं ऊँ ऊँ

हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र दोनों को ही अत्यंत प्रभावी माना जाता है। यदि इनमें से किसी का भी जाप सवा लाख बार किया जाता है तो किसी भी इच्छा को पूर्ण किया जा सकता है।
हमारे ऋषि मुनियों ने दोनों मंत्र मिलाकर एक नया मंत्र बनाया था जिसे मृत संजीवनी मंत्र कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि इसका जाप विधि अनुसार किया जाए तो एक मृत व्यक्ति को भी जीवित किया जा सकता है।

रूद्र गायत्री मंत्र – ऊँ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।।

इस मंत्र के जाप से सभी प्रकार की कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। मान्यता के अनुसार यदि आप शिव मंदिर जाकर विधि से पूजा कर इस मंत्र का जाप करते हैं तो आपकी सारी समस्याएं स्वयं ही दूर हो जाएंगी।

शिव के अन्य प्रभावशाली मंत्र –

  1. ओम साधो जातये नमः।।
  2. ओम वाम देवाय नमः।।
  3. ओम अघोराय नमः।।
  4. ओम तत्पुरूषाय नमः।।
  5. ओम ईशानाय नमः।।

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