अनुसूचित जाति एवं जनजाति को विकास की मुख्यधारा में जोड़न पर होगा कार्य: सीएम त्रिवेन्द्र रावत

खबर शेयर करें

समाचार सच, देहरादून। पिछले 70 वर्षों से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों ने काफी प्रगति की है। किन्तु अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कुछ लोग अभी भी सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इनको भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। जिससे अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से भी मजबूती मिल सके।

उक्त बात मंगलवार को पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माताओं द्वारा परिकल्पित समावेशी स्वरूप को बनाये रखने की दृष्टि से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों के आरक्षण को अन्य दस वर्षों अर्थात् 25 जनवरी 2030 तक के लिए जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है।

यह भी पढ़ें -   १८ अक्टूबर २०२४ शुक्रवार का पंचांग, जानिए राशिफल में आज का दिन कैसा रहेगा आपका…

संविधान के अनुच्छेद 334 के अनुसार लोक सभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के स्थानों के लिए आरक्षण संबंधी उपबंध किया गया था, लेकिन इन उपबंधों का विस्तार न होने के कारण यह उपबंध 25 जनवरी 2020 को अप्रभावी हो रहा था। इसलिए इस उपबंध को दस वर्षाे तक जारी रखने के लिए लोक सभा में पारित इस प्रस्ताव को राज्य में लागू करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है और राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण संबंधी प्रस्ताव को राज्य विधान सभा द्वारा जारी रखने का पूर्ण रूप से समर्थन किया गया है।

Ad Ad Ad Ad Ad

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440