शारदीय नवरात्रि 2023: छठे दिन माँ कात्यायनी का करें पूजन, विवाह संबंधी बाधाएं होंगी दूर

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति, मां कात्यायनी की पूजा होती है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी रखा गया। मां कात्यायनी स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं और स्त्री ऊर्जा का स्वरूप भी हैं। ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यता है कि देवी कात्यायनी जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी की पूजा से मनचाहा वर मिलता है और प्रेम विवाह की सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं आश्विन नवरात्रि के छठे दिन यानी 20 अक्टूबर 2023 को मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, उपाय और मुहूर्त।

छठे दिन का मुहूर्त
शारदीय शुक्ल षष्ठी तिथि शुरू – 15 अक्टूबर, दोपहर 04.32 बजे
शारदीय शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त – 20 अक्टूबर, शाम 05.27 बजे

रवि योग – सुबह 06.18 बजे से दोपहर 03.27 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग
– 20 अक्टूबर पूरे दिन
मृत सिद्धि योग – 20 अक्टूबर, दोपहर 03.27 बजे से 20 अक्टूबर, सुबह 06.16 बजे तक

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आयुष्मान योग – 20 अक्टूबर रात 11.33 बजे से 20 अक्टूबर, रात 11.20 बजे तक

पूजन का महत्व
भागवत पुराण में लिखा है कि माता कात्यायनी की पूजा करने से भाग्य की प्राप्ति होती है जो युवतियां विवाह करना चाहती हैं और मनचाहा वर की मनोकामना करती हैं। कात्यायनी व्रत से जुड़ी मान्यता यह है कि इसे सबसे पहले ब्रज भूमि की गोपियों ने कृष्ण को पति स्वरूप प्राप्त करने के लिए ये व्रत किया था। विवाह योग्य युवतियां, मां कात्यायनी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कात्यायनी मंत्र का पाठ करती हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से प्रेम के रास्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

मां कात्यायनी की पूजा विधि
मां कात्यायनी का संबंध बृहस्पति और आंशिक संबंध शुक्र से भी है। ऐसे में इनकी पूजा में पीले रंग का ज्यादा प्रयोग करें। देवी कात्यायनी की उपासना गोधूलि वेला में करें। इस समय दूध में केसर मिलाकर देवी कात्यायनी का अभिषेक करें. रोली, मौली, हल्दी, अक्षत, फूल अर्पित करें। माता की आरती करें और फिर जागरण कर देवी के भजन-कीर्तन करें। माता को शहद का भोग बहुत प्रिय है, इसलिए मां कात्यायनी को शहद या शहद से बनी चीजों का भोग लगाएं।

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माता के मंत्र
ध्यान मंत्र

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः। चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि।।
या देवी सर्वभूघ्तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

प्रार्थना मंत्र
कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरुते नमः

छठे दिन के विशेष उपाय
शीघ्र विवाह या प्रेम संबंधी मामलों के लिए आश्विन नवरात्रि के छठे दिन शाम के समय मां कात्यायनी को हल्दी की 3 गांठ चढ़ाएं। फिर सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए पीले फूल चढ़ाते हुए माता के मंत्र का 108 बार जाप करें। हर मंत्र के बाद एक पीला फूल माता को चढ़ाएं। गोबर के उपले जलाकर उस पर लौंग व कपूर की आहुति दें। मान्यता है विवाह और वैवाहिक जीवन संबंधी हर समस्या का निवारण होता है। कात्यायनी मंत्रों के जाप से मांगलिक दोष भी दूर होते हैं।

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