श्राद्ध पक्ष 2023: एकादशी तिथि का श्राद्ध बहुत ही खास माना गया है। श्राद्ध पक्ष में पिंडदान और तर्पण जरूर करना चाहिए

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Shraddha Paksha 2023: Shraddha on Ekadashi date is considered very special. Pind Daan and Tarpan must be done during Shraddha Paksha.

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। इन दिनों पितृ पक्ष चल रहा है और मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 को एकादशी तिथि का श्राद्ध मनाया जाएगा। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष की 16 तिथियां होती हैं। उनमें से कुछ तिथियां बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। उन्हीं तिथियों में एकादशी तिथि का श्राद्ध बहुत ही खास माना गया है। श्राद्ध पक्ष में पिंडदान और तर्पण जरूर करना चाहिए। भले ही इस तिथि को आपके किसी दिवंगत की तिथि न हो फिर भी श्राद्ध करना चाहिए।

आइए जानते हैं यहां श्राद्ध पक्ष की एकादशी की खास बातें ….

  1. एकादशी तिथि को संन्यास लेने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध करने की परंपरा है।
  2. इस दिन शालिग्राम की मूर्ति का पूजन करें, ब्राह्मणों को भोजन कराने और पितरों का तर्पण करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बढ़ती है। रुके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
  3. एकादशी तिथि के दिन श्राद्ध का दान किया गया है तो यह सर्वश्रेष्ठ दान है।
  4. एकादशी तिथि का श्राद्ध करने वालों को समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त होता है।
  5. एकादशी के श्राद्ध करने वालों के सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश हो जाता है।
  6. एकादशी का श्राद्ध करने वाला निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति करता है।
  7. एकादशी तिथि का श्राद्ध करने से ऋषि और संन्यासियों को आशीर्वाद मिलता है।
  8. एकादशी का श्राद्ध करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है।
  9. माना जाता है कि यदि आपके कोई पूर्वज जाने-अंजाने हुए अपने पाप कर्मों के कारण यमलोक में अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत करके इस व्रत के पुण्य को उनके नाम पर दान कर दिया जाए तो उन्हें इस दंड से छुटकारा मिलकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
  10. इस दिन व्रत रखकर श्राद्ध कर्म करने से पितरों के देव अर्यमा और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
  11. इस एकादशी का व्रत रखने और श्राद्ध करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  12. इस दिन पूजा करके आप जाने-अनजाने में हुए अपने पाप कर्मों से छुटकारा भी पा सकते हैं।
  13. इस एकादशी पर गाय, कौए, कुत्ते, चींटी, मछली को भी भोज्य कराएं और साथ ही पीपल देव के नीचे अन्न जल रखें। उपरोक्त सभी पहले देवताओं को अग्निग्रास दें। इस कर्म से एकादशी का फल दोगुना हो जाएगा और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  14. एकादशी के दिन व्रत भी रखा जाता है। अतरू इस दिन इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है।
    के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेने से कब्ज से राहत मिलती है और पाचन में सुधार होता है।

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