भावनाओं और ऊर्जा से भरी छठे दिन की रामलीलारू शूर्पनखा नासिका छेदन से सीताहरण तक के प्रसंगों ने बांधा समां

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महिला कलाकारों की दमदार प्रस्तुति, संवाद और गायन ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

समाचार सच, हल्द्वानी। पुनर्नवा महिला समिति द्वारा पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच, हीरानगर में आयोजित रामलीला मंचन में शनिवार को छठे दिन दर्शकों ने उस चरण का सजीव चित्रण देखा, जब रामायण में रावण की बहन शूर्पनखा का राम और लक्ष्मण से सामना होता है, और घटनाएं सीता हरण तक पहुंचती हैं। महिलाओं द्वारा निभाए गए पात्रों और उनके अभिनय ने मंचन को इतना जीवंत बना दिया कि दर्शकों की नजरें मंच से हटने का नाम नहीं ले रही थीं।

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शूर्पनखा के नासिका छेदन, खर-दूषण वध और सीता हरण जैसे प्रसंगों को इतनी गहराई से प्रस्तुत किया गया कि हर दृश्य में भावनाओं की तीव्रता स्पष्ट झलक रही थी। मंच पर कलाकारों की संवाद अदायगी, नृत्य और संगीत की प्रस्तुति ने इस धार्मिक कथा को मनोरंजन और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम बना दिया।

लीला की शुरुआत पंचवटी प्रसंग से हुई, जहां शूर्पनखा ने सुंदर स्त्री का वेश धारण कर श्रीराम से विवाह का प्रस्ताव रखा। राम द्वारा अस्वीकार किए जाने और लक्ष्मण के क्रोधित होकर उसकी नाक काटने का दृश्य इतना सजीव था कि पूरे पंडाल में तालियों की गूंज सुनाई दी। इसके बाद शूर्पनखा का खर-दूषण से बदला लेने जाना और उनका राम के हाथों वध होना, फिर रावण के पास जाकर सीता के सौंदर्य का वर्णन करना दृ इन सभी दृश्यों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।

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सीताहरण का दृश्य पूरे मंचन का केंद्र बिंदु रहा, जिसमें मारीच का मृग बनना, सीता का जिद करना, राम और लक्ष्मण का वन प्रस्थान और रावण द्वारा योगी के वेश में आकर सीता का अपहरण- इन सभी घटनाओं को इतने मार्मिक ढंग से मंचित किया गया कि दर्शक भावविभोर हो उठे।

शूर्पनखा ने मेरा रूप देख चंद्रमा शरमा गया… जैसे गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुतियां हुईं, जिनमें वरुणिका, उन्नति और उमिका शर्मा के नृत्य ने विशेष आकर्षण बटोरी। दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुति की खुले दिल से सराहना की और तालियों से उनका उत्साहवर्धन किया।

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मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक नारायण पाल, जिला पंचायत प्रशासक बेला तोलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट और यूनिक मार्बल के कादरी उपस्थित रहे। विधायक नारायण पाल ने कहा कि महिलाओं द्वारा रामलीला जैसे गौरवशाली मंचन को इतनी गहराई और निष्ठा से प्रस्तुत करना अत्यंत सराहनीय है। यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करता है।

आज की लीला मंचन में इन लोगों ने निभाई भूमिकाः
रामलीला मंचन में राम की भूमिका मानसी रावत, लक्ष्मण-लक्षिता, सीता-सौम्या पंत, सूर्पनखा – पूजा लटवाल और मीना राणा, रावण-गीता दरमवाल, जोगीरावण- नीतू रौतेला, बन स्त्री -अदिति और कंचन, खर-दूषण – सुमन साह और राधा मिश्रा, जटायू – तारा बिष्ट, मारीच – राधा मिश्रा, नृत्य की वरुणिका और उन्नति शर्मा, उमिका शर्मा, राक्षस -सरिता रावत, बेबी गोयल, मैथिली, जानकी सामंत, सरिता जडौ़त, कविता मेहरा, जोकर- रितु कांडपाल आदि कलाकार शामिल रहें।

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