समाचार सच. अध्यात्म डेस्क। कई बार हमारे जीवन मे में अचानक से समस्याएं आने लगती हैं। हम बस पूरा टाइम उन्हें सुलझान में लगे रहते हैं। एक बार भी हम ये नहीं
सोचते कि आख़िर एक दम इतना परेशानियां का एक-साथ लाइफ में दस्तक देन के पीछे का असली कारण क्या हो सकता है। जीवन की इन मुसीबतों के लिए हम अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं। जब कि इसमें हमारी किस्मत का कोई रोल नहीं होता। इसका कारण इंसान खुद ही होता है। जी हमारे जीवन में जो मुसीबतें पैदा होती हैं हम खुद उसकी वजह होते हैं क्योंकि हमें उनके आने से पहले कुछ संकेत मिल जाते हैं लेकिन इसकी जानकारी न होने के कारण हम इन्हें समझ नही पाते।
वास्तु दिशाएं बता दें ये संकेत वास्तु शास्त्र से जुड़े हुए होते हैं। इसके अनुसार कुछ ऐसे संकेत होते है जिनसे पता चल जाता है कि घर में वास्तु दोष पैदा होने वाले हैं। और अब ये तो आप लोगों को पता ही होगा अगर वास्तु दोषों ने जीवन मं एंट्री ले ली तो परेशानियां का आना तो लाज़मी है। तो अगर आप नहीं चाहते कि आपके घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष पैदा न हो तो हमारे द्वारा आगे बताए जाने वाले संकेतों को जान-समझ लें और साथ ही इनसे जुड़े उपायों को अपनाएं ताकि आपकी लाइफ में वास्तु दोष की वजह से किसी भी तरह की हानि न हो।
फिजूल खर्च बढ़ना-वास्तु शास्त्र के अनुसार जब घर के मुखिया के आय से अधिक खर्चे होने लगे और फिजूल खर्चे बढ़ने लगे तो यह घर में मौज़ूद वास्तु दोष के संकेत है। कहा जाता है घर के उत्तर दिशा में गंदगी होने से फिजूलखर्चे बढ़ने हैं। इस दिशा को शुभ बनाने के लिए श्रीयंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
उपाय- जातक को घर सामने हरी बेलदार पत्तियां लगानी चाहिए। और घर में अच्छी पुस्तकों का संग्रह रखना चाहिए।
सेहत में गिरावट: घर पर नैत्य कोण का स्थान नीचा होने पर परिवार के मुखिया और सदस्यों की
सेहत में गिरावट आने लगती है। सभी लोग बीमार रहने लगते हैं।
उपाय-
इस दिशा के मकान को कभी खाली न छोड़ें और समय-समय पर पानी की टंकी सफ़ाई करते रहें।
संतान प्राप्ति में बाधा: वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार घर के पूर्व दिशा में वास्तु दोष होने पर संतान की प्राप्ति होने में कठिनाई आती है। बता दें पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देवता हैं। ध्यान रहे इस दिशा में टॉयलेट, बाथरूम, या मकान के सामने कोई बड़ा पेड़ या कोई रोशनी बाधक चीज नहीं होना चाहिए। अन्यथा वास्तुदोष लगता है।
उपाय- अगर आपके घर में भी ऐसा वास्तुदोष है तो घर के मुख्य दरवाज़े पर रोज़ाना सिंदूर
और गाय के घी से तिलक करें या ऊँ लिखें।
उदास रहना: कहते हैं जब ईशान कोण में किसी भी तरह का दोष होता है तो घर के लोग उदास और परेशान रहने लगते हैं।बता दें ईशान कोण के ग्रह बृहस्पति देवता हैं और इस दिशा के देवता श्री हरि विष्णु हैं।
माना जाता है ऐसे भवन में रहने वाले लोगो को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह दिशा ज्ञान, मान-सम्मान और तेज़ प्रदान करती है।
उपाय- ईशान कोण वाले व्यक्ति को घर में समय-समय पर कोई न कई धार्मिक कार्य आदि संपन्न करवाते रहना चाहिए।
परिवार में क्लेश होना: परिवार के सदस्यों के बीच अचानक से तनाव बढ़ने लगे, आपसी मनमुटाव और सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े होने लगे तो इसका कारण घर में मौज़ूद वास्तुदोष हो सकता है। कहा जाता है इसका मुख्य कारण आग्नेय कोण का दोषपूर्ण होना होता है। इससे बचने के लिए आग्नेय कोण में पानी नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में किचन होना शुभ होता है।
उपाय- इस दिशा में उचित फल प्राप्त करने के लिए घी का दीपक प्रजवल्लित करें और अग्नि कोण में नवग्रह का हवन जरूर करवाएं।
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