उत्तरायणी पर्व विशेष : दिखते ही नहीं कौवे तो बुलायें किसे

काले कौवा काले-काले, घुघुति माला खालेतू लिजा बड़, मैं कैं दीजा सूना घड़…। समाचार सच, हल्द्वानी। कौवे बुलाने की परंपरा कुमाऊं में वर्षों से चली आ रही है। कौवे को बुलाना पूर्वजों को याद करना भी माना जाता रहा है।…